Analog Space Mission: क्या है इसरो का ‘एनालॉग’ अंतरिक्ष मिशन, लद्दाख में बनाया बेस स्टेशन, जानें इसका मकसद

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नई दिल्ली- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) का ‘एनालॉग’ अंतरिक्ष मिशन लद्दाख के लेह में शुरू किया गया है। अंतरिक्ष एजेंसी ने शुक्रवार को सोशल मीडिया मंच ‘X’ पर एक पोस्ट में कहा कि यह मिशन पृथ्वी से परे स्थित किसी ‘बेस स्टेशन’ की चुनौतियों से निपटने के लिए अंतरग्रहीय निवासस्थल की तरह काम करेगा। आइए जानते हैं भारत का पहला एनालॉग स्पेस मिशन क्या है? इससे अंतरिक्ष की दुनिया में क्या फायदा होगा?

क्या है इस मिशन का उद्देश्य?

मिशन का उद्देश्य लद्दाख की कठिन जलवायु और भौगोलिक इलाके में मंगल और चंद्रमा के समान स्थितियों का अनुकरण करना है। मिशन उन चुनौतियों को दोहराने की कोशिश करता है, जिनका सामना अंतरिक्ष यात्रियों को खगोलीय पिंडों की चरम स्थितियों में करना पड़ता है।

मिशन के लिए लद्दाख ही क्यों?

लद्दाख एक ठंडा रेगिस्तान है। देखा जाए तो यहां की जलवायु रेगिस्तान और आर्कटिक क्षेत्रों का मिलाजुला रूप है। इस क्षेत्र में तापमान गर्मियों में 3 से 35 डिग्री सेल्सियस और सर्दियों में -20 से -35 डिग्री सेल्सियस तक रहता है। सर्दियों के दौरान इस क्षेत्र में भारी बर्फबारी होती है। नासा का कहना है कि एनालॉग मिशन उन स्थानों पर फील्ड परीक्षण हैं जो चरम अंतरिक्ष वातावरण के समान हैं।

नासा के इंजिनियर और वैज्ञानिक अंतरिक्ष में उपयोग किए जाने से पहले कठोर वातावरण में परीक्षण के लिए जरूरतों को इकट्ठा करने के लिए सरकारी एजेंसियों, शिक्षाविदों और उद्योग के साथ काम करते हैं। इसका उद्देश्य अंतरिक्ष में निवेश करने से पहले पृथ्वी पर समान वातावरण की नकल करके समय, धन और जनशक्ति बचाना है। एनालॉग मिशन हमें क्षुद्रग्रहों, मंगल और चंद्रमा की निकट अवधि और भविष्य की खोज के लिए तैयार करते हैं।