मामला रिश्वतखोरी का: निगम के कार्यपालन अभियंता से एसीबी की टीम ने की दस घंटे पूछताछ

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कोरबा। नगर पालिक निगम में पदस्थ दो अधिकारी आपराधिक अन्वेषण ब्यूरों के हत्थे चढऩे के मामले में नया मोड़ आ गया है। एसीबी की टीम ने नगर पालिक निगम (साकेत भवन) पहुंचकर दर्री जोन प्रभारी व कार्यपालन अभियंता से लगभग 10 घंटे तक पूछताछ की। इस घटनाक्रम में उनकी संलिप्तता फोन टेपिंग की वजह से शामिल हुई है। बताया जा रहा है कि छापामार कार्यवाही के दौरान टीम के अधिकारियों ने प्रार्थी सहित अधिकारियों के मोबाइल को टेप कर रहे थे।
निगम गठन के बाद पहली बार किसी अधिकारी या कर्मचारी ने रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ाया है। इस मामले में मंगलवार की दोपहर निगम कार्यालय दर्री जोन में पदस्थ डी.सी. सोनकर ए.ई. व देवेन्द्र स्वर्णकार एसई को आपराध अन्वेषण ब्यूरों की टीम ने 35 हजार रूपए रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा था। इस पूरे मामले की शिकायत ठेकेदार मनकराम साहू ने की थी।
सूत्रों का कहना है कि छापामार कार्यवाही के दौरान टीम के अधिकारियों ने दोनों अधिकारी सहित प्रार्थी के फोन को सर्विलेंस में लेकर पूरी बातचीत को सून रहे थे। इस दौरान यह तथ्य सामने आया कि पकड़ में आए डीसी सोनकर अपने अधीनस्थ एसई श्री स्वर्णकार को मोबाइल के माध्यम से हिदायत दे रहा था कि 35 हजार की रकम मेरी है, कार्यपालन अभियंता अरूण शर्मा एवं श्री स्वर्णकार के हिस्से की रकम अलग से है। श्री सोनकर ने यह भी कहा कि तीनों अधिकारियों को रिश्वत की रकम मिल जाने के बाद ही ठेकेदार के कार्य का भुगतान किया जाए।
एसीबी की टीम ने इसी फोन टेपिंग को आधार मानकर दर्री जोन प्रभारी एवं कार्यपालन अभियंता अरूण शर्मा के साकेत भवन में स्थित दफ्तर में सुबह 10 बजे पहुंचकर दस्तावेजों को खंगालना प्रारंभ किया। टीम के अधिकारी लगभग दस घंटे तक श्री शर्मा के कार्यालय में डटे रहे। इस दौरान पीडि़त ठेकेदार के निविदा प्रपत्रों सहित अन्य कागजातों की जांच-पड़ताल करते रहे। समाचार लिखे जाने तक इस मामले में कार्यपालन अभियंता के खिलाफ क्या कार्यवाही की गई इसका खुलासा नहीं हो पाया था।

रिश्वतखोरी में संलिप्त दोनों अधिकारियों को एसीबी की टीम ने मंगलवार को हिरासत में ले लिया था। अगली कड़ी में पुलिस ने श्री स्वर्णकार के साडा कालोनी स्थित आवास में दबिश देकर कुछ कागजात को जप्त किया। इसी तरह श्री सोनकर के रामसागर पारा स्थित निवास से भी कुछ कागजात बरामद किया है।
निगम में रिश्वतखोरी मामला उजागर होने के बाद विभागीय अधिकारियों व कर्मचारियों में हड़कंप मचा हुआ है। अवैध ढंग से पैसे के लेन-देन का मामला सिर्फ दर्री जोन कार्यालय में ही नहीं है अमूनन इस तरह का वाक्या लगभग सभी जोन में लंबे अरसे से चल रहा है। हालांकि किसी ने शिकायत करने की हिम्मत नहीं की है। इस वजह से अन्य जोन के अधिकारी-कर्मचारी पकड़ में नहीं आए हैं, लेकिन कार्य करने के एवज में 2 से 3 प्रतिशत की राशि लिए जाने की परंपरा काफी पुरानी है। इस वजह से एसीबी की टीम अन्य जोन में हुए निर्माण कार्यों को भी खंगाल रहे हैं।