Balco:मंत्री ओपी ने कहा, बालको के फ्लाई एश डिस्पोजल की होगी जांच..जहां तहां राख फेकने वालो तक पहुंचेगी आंच..

0
97
Balco:मंत्री ओपी ने कहा, बालको के फ्लाई एश डिस्पोजल की होगी जांच..जहां तहां राख फेकने वालो तक पहुंचेगी आंच..
Balco:मंत्री ओपी ने कहा, बालको के फ्लाई एश डिस्पोजल की होगी जांच..जहां तहां राख फेकने वालो तक पहुंचेगी आंच..

रायपुर। छत्तीसगढ़ के आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने आज विधानसभा में ऐलान किया कि कोरबा में बालको द्वारा फैलाई जा रही प्रदूषण के मामले में अधिकारियों से जांच कराई जाएगी। विधानसभा में धरमलाल कौशिक ने बालको द्वारा कोरबा में प्रदूषण के संबंध में ध्यानाकर्षण लगा कर पूछा था कि बालको द्वारा फ्लाईएश का डिस्पोजल सही ढंग से नहीं किया जा रहा है। धरमलाल कौशिक आज विधानसभा नहीं आए थे। उन्होंने इसके लिए विधायक अजय चंद्राकर को नामित किया था। आवास पर्यावरण मंत्री ओपी चौधरी ने ध्यानाकर्षण के जवाब में कहा कि बालको के फ्लाईएश के डिस्पोजल की विभागीय जांच कराई जाएगी। विभागीय जांच को क्लियर करते हुए उन्होंने स्पष्ट किया कि अफसरें की कमेटी बनाकर इसकी जांच होगी।

ये रहा ध्यनाकर्षण और मंत्री का जवाब

बाल्को संयंत्र के द्वारा औद्‌योगिक सुरक्षा, श्रम व पर्यावरण नियमों का घोर उल्लंघन किया जा रहा है, जिसके कारण कोरबा क्षेत्र में स्वास्थ्य समस्या लगातार बढ़ रही है। इसौ सत्र के विधान सभा में विभाग द्वारा बताया गया है कि बाल्को संयंत्र, कोरबा में वर्ष 2022 से नवम्बर, 2023 तक 52 लाख मौट्रिक टन से अधिक फ्लाई ऐश का उत्सर्जन किया गया तथा मात्र 10 लाख मीट्रिक टन का निष्पादन किया गया है जबकि बाल्को द्वारा निष्पादन हेतु जिन स्थानों की स्वीकृति दी गई है, वहां पर मात्र 19.75 लाख मीट्रिक टन फ्लाई ऐश का निष्पादन हो सकता है। इससे स्पष्ट है कि उक्त अवधि में संयंत्र द्वारा लगभग 36 लाख मीट्रिक टन फ्लाई ऐश का निष्पादन नहीं किया गया। एनजीटी के निर्देशानुसार फ्लाई ऐश का 1 वर्ष में जो उत्सर्जन होता है, उसका 80 प्रतिशत निष्पादन करना आवश्यक है अन्यथा प्रति मौट्रिक टन 1000 रुपये प्रतिवर्ष अर्थदण्ड लिया जाना प्रावधानित है। यदि सही जाँच की जाए तो कई करोड़ों का अर्थदण्ड संधारित किया जा सकता है। पर्यावरण विभाग द्वारा उक्त 22 माह में मात्र सितम्बर, 2023 में ही 2 दिवस के अंदर 4 स्थानों पर निरीक्षण किया गया व 04 स्थानों में अनियमितता के कारण अर्थदण्ड लगाया गया। इससे स्पष्ट है कि यदि माह में बार-बार निरीक्षण होता तो करोड़ों रुपये का अर्थदण्ड तो लगता ही, साथ ही कोरबा के निवासियों को भी स्वास्थ्यगत समस्याओं का सामना नहीं करना पड़ता। जो फलाई ऐश का निष्पादन किया गया है, वह निर्धारित स्थान में नहीं डालकर कोरबा व आस-पास के जिलों में यत्र-तत्र डाल दिया गया है, जो कि माननीय एन.जी.टी. के निर्देशों का घोर उल्लंघन है तथा ट्रांसपोर्टर को भी अधिक लीड की राशि का करोड़ों रुपये का अतिरिक्त भुगतान किया गया है। औ‌द्योगिक सुरक्षा, श्रम व पर्यावरण नियमों का पालन न करने व ट्रांसपोर्टिंग में भारी भ्रष्टाचार के कारण आम जनता में भारी रोष व्याप्त है।