Breaking : कोरबा और कटघोरा में पिछड़ा वर्ग को साधने भाजपा का गेम प्लान..कांग्रेस की टिकट पर सबकी निगाहें..

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✍️ नरेन्द्र मेहता,कोरबा

कोरबा: अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) को प्रदेश में 27 प्रतिशत आरक्षण देने और जातिगत जनगणना को लेकर पूरे देश मे माहौल बना रही कांग्रेस की भाजपा ने छतीसगढ़ में हवा निकाल दी हैं.वहीं ओबीसी आरक्षण के साथ कांग्रेस अब बिहार में हुई जातिगत जनगणना को चुनावी मंचो पर हवा दे रहे हैं छतीसगढ़ प्रवास के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मलिकार्जुन खरगे, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल समेत अन्य नेताओं ने भी यहां फिर से सरकार बनने पर जाति जनगणना कराने की बात कही हैं.
दरअसल भाजपा ने प्रदेश की 90 विधानसभा सीटो में से 85 सीट पर प्रत्याशी धोषित कर ओबीसी से 31 लोगों को मैदान में उतारा हैं.यह अब तक धोषित कुल सीटों का लगभग 36.5 प्रतिशत हैं.
भाजपा के 31 ओबीसी प्रत्याशीयो में कोरबा जिला के दो सामान्य सीट कोरबा और कटघोरा से क्रमशः लखनलाल देवांगन और प्रेमचंद पटेल का नाम भी शामिल हैं. जिले में ओबीसी मतदाताओं की संख्या सर्वाधिक हैं और भाजपा सोची समझी रणनीति के तहत इसका लाभ उठाना चाहती हैं. यहीं वजह हैं कि कोरबा व कटघोरा के सामान्य वर्ग के कई मजबूत दावेदार को भाजपा ने हासिये में डाल दिया ओर पिछड़ा वर्ग से टिकट दी. जहां तक कांग्रेस की बात हैं तो वह शायद ही ओबीसी से उम्मीदवार मैदान में उतारे. दरअसल कांग्रेस के पास जिले में ऑप्शन नहीं हैं. कोरबा विधानसभा सीट जब से अस्तित्व में आई हैं तब से तीन चुनाव में कांग्रेस के जयसिंह अग्रवाल ने जीत का परचम लहराया और जीत की हैट्रिक लगाई.वर्तमान में वे राजस्व मंत्री हैं और उनको हरहाल में टिकट मिलना तय है. ओबीसी सहित हर वर्ग को साथ मे लेकर चलने की खूबी भी जयसिंह अग्रवाल में हैं.वजह यही हैं कि वे लगातार विधायक बनते आ रहे हैं.रही बात सामान्य सीट कटघोरा की तो यहां आदिवासी उम्मीदवारों का शुरू से दबदबा रहा हैं और कांग्रेस ने सर्वाधिक बार आदिवासी प्रत्याशी चाहे वरिष्ठ आदिवासी नेता बोधराम कंवर हो या उनके पुत्र पुरुषोत्तम कंवर को बनाया.
बोधराम कंवर ने नाम यहाँ 6 बार जीत का रिकार्ड भी दर्ज हैं. और पुरुषोत्तम कंवर कटघोरा सीट से मौजूदा विधायक हैं. दुबारा उन्हें टिकट मिलनी हैं बस कांग्रेस की मोहर लगनी बाकी हैं. दरअसल कांग्रेस ने अभी विधानसभा प्रत्याशियो के नाम की धोषणा नहीं की हैं.
कटघोरा में सामान्य सीट पर आदिवासी समुदाय को टिकट दिये जाने का विरोध कांग्रेस के लोग हर विधानसभा चुनाव में करते हैं,असर इसका अब तक देखा नहीं गया. हां भाजपा ने कांग्रेसियों की डिमांड को जरूर मानी औऱ हर बार यहां से गैर आदिवासी को टिकट दी.जिसमें बनवारी लाल अग्रवाल, ज्योतिनन्द दुबे,लखनलाल देवांगन और अब प्रेमचंद पटेल का नाम शामिल हैं. यह पहली बार हैं कि पिछड़ा वर्ग समुदाय ने भी कांग्रेस से यह मांग की हैं कि सामान्य सीट कटघोरा से जनरल या ओबीसी को टिकट दी जाए।
इनका कितना असर कांग्रेस हाईकमान पर होता हैं यह तो वक़्त ही बताएगा.लेकिन जनरल ओर ओबीसी वर्ग की निगाहें कांग्रेस के प्रत्याशियों की जारी होने वाली सूची पर टिकी हुई हैं. शायद उन्हें यहां बदलाव की संभावना नजर आ रही हैं.कटघोरा में सामान्य और पिछड़ा वर्ग के मतदाताओं की संख्या 70 प्रतिशत और आदिवासी मतदाताओं की संख्या 30 प्रतिशत हैं. कहा जाए तो अब तक यह 30 प्रतिशत कांग्रेस की टिकट के मामले में 70 प्रतिशत पर भारी रहा हैं.