✍️ नरेन्द्र मेहता, कोरबा
कोरबा:छतीसगढ़ में चुनावी बिगुल बज चुका हैं. मतदान की तिथि धोषित हो चुकी हैं. भाजपा ने अपने प्रत्याशियों के नाम धोषित कर दिये हैं. कांग्रेस की सूची का सबको बेसब्री से इंतजार हैं. सूत्र बताते हैं कि माथा पच्ची और भारी मंथन के बाद जीतने वाले उम्मीदवारों की सूची तैयार कर ली गई हैं.
पूरे प्रदेश में कांग्रेस के विधानसभा उम्मीदवार को लेकर चर्चा हो रही हैं. ऐसे में चर्चा से कोरबा जिला कैसे वंचित रह सकता हैं. जिले में चार विधायक जयसिंह अग्रवाल (सामान्य सीट,कोरबा),ननकीराम कंवर (अनुसूचित जनजाति सीट,रामपुर),पुरुषोत्तम कंवर (सामान्य सीट,कटघोरा)और मोहित केरकेट्टा (अनुसूचित जनजाति सीट,पाली तानाख़ार) हैं. इसमें पुरुषोत्तम और मोहित केरकेट्टा पहली बार 2018 में विधायक बने.जबकि ननकीराम कंवर इन विधायकों में सबसे वरिष्ठ और 6 बार के विजेता हैं. भाजपा ने इनकी टिकट 80 वर्ष की उम्र हो जाने के बाद भी उनके फिटनेस को देखते टिकट नहीं काटी और फिर से मैदान में चुनाव लड़ने उतारा हैं.रामपुर से कांग्रेस मोहिंदर कंवर (टीटू) या फिर फूलसिंह राठिया को ननकीराम से मुकाबला करने मैदान में उतार सकती हैं.कोरबा सीट से जीत की हैट्रिक लगाने वाले जयसिंह अग्रवाल सरकार में राजस्व मंत्री हैं. कोरबा विधानसभा के अस्तित्व में आने के बाद लगातार वे चुनाव जीत रहे हैं. टिकट इनको मिलना तय है इसलिए वे टिकट मिलने के मामले को लेकर पूरी तरह से निश्चिंत हैं.जयसिंह अग्रवाल का मुकाबला भाजपा के लखनलाल देवांगन से होना तय है.कटघोरा और पाली तानाख़ार के मौजूदा विधायक को टिकट के लिए संघर्ष करना पड़ रहा हैं. दोनों विधायक अपने अपने क्षेत्र से टिकट चाहते हैं लेकिन विषम परिस्थिति में पुरुषोत्तम को कांग्रेस पाली तानाख़ार शिफ्ट कर दे तो कोई आश्चर्य की बात नहीं होगी. दरअसल कटघोरा सामान्य सीट होने के कारण गैर आदिवासी को यहां से टिकट देने की मांग हर बार की तरह इस बार ज्यादा जोर शोर से कांग्रेसियों और सामान्य व पिछड़ा वर्ग के लोगों द्वारा उठाई गई. कांग्रेस के बड़े नेता भी इस सीट के मामले में उलझन में फंसे हुये हैं. उन पर एक तरफ कटघोरा से 6 बार के विजेता और लम्बे समय तक विधायकी करने वाले वरिष्ठ आदिवासी नेता बोधराम कंवर का भारी दबाव हैं अपने पुत्र व विधायक पुरुषोत्तम कंवर को दुबारा कटघोरा से टिकट देने के लिए हैं. जबकि दूसरी तरफ कतिपय बड़े नेताओं के इशारे में कांग्रेसी पुरुषोत्तम की टिकट काटने की नहीं बल्कि उन्हें पाली तानाख़ार शिफ्ट करने का दबाव अब भी बनाये हुए हैं.हालांकि पलड़ा बोधराम कंवर का ही भारी हैं. लेकिन सियासत में कुछ भी हो सकता इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता. विधायक मोहित केरकेट्टा की टिकट कटने को लेकर उस वक़्त से ही चर्चा होने लगी थी जब कांग्रेस द्वारा कराई गई विधायकों परफॉर्मेंस रिपोर्ट में केरकेट्टा की रिपोर्ट आशानुरूप सही नहीं थी और उन्हें कहा गया था कि पाँच-छ माह का वक़्त हैं.उन्हें अपनी परफॉर्मेंस रिपोर्ट में सुधार करने के लिए. अब उन्होंने अपनी स्थिति में कितना सुधार किया यह रिपोर्ट कांग्रेस के पास मौजूद हैं. इसी रिपोर्ट के आधार पर ही उनकी टिकट का फैसला होना हैं. अपने विधानसभा क्षेत्र में वे जनसंपर्क तो कर रहे हैं और इस दौरान एक बात जरूर कह रहे हैं कि मैं कांग्रेस का सिपाही हूं. और जनता की सेवा सदैव करता रहूंगा चाहे मुझे टिकट मिले या ना मिले।बता दे कि भाजपा ने कोरबा सीट से लखनलाल देवांगन, रामपुर सीट से ननकीराम कंवर,कटघोरा सीट से प्रेमचंद पटेल औऱ पाली तानाख़ार सीट से रामदयाल उईके को अपना उम्मीदवार बनाकर चुनावी रण में उतारा हैं.कटघोरा से मोजूदा विधायक पुरुषोत्तम कंवर के अलावा हरीश परसाई और रीना अजय जायसवाल भी सशक्त दावेदार हैं. वहीं पाली तानाख़ार से जनपद पंचायत पाली की अध्यक्ष दिलेश्वरी सिदार को कांग्रेस टिकट दे सकती हैं.जिले में एक सीट महिला कोटे में देने की चर्चा कांग्रेस के अंदर जमकर हैं जिले की सभी सीटो पर मुकाबला भी दिलचस्प होगा.