After wheat in India, now the export of broken rice is banned, know the reason
नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने शुक्रवार को भारत (India) से टूटे चावल (Broken rice) के निर्यात पर लगा प्रतिबंध का आदेश जारी कर दिया है। प्रतिबंध तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है। केंद्र सरकार ने कुछ प्रकार के चावल के निर्यात पर 20 फीसदी का कर लगाया है।
अधिसूचना में कहा गया है कि यह निर्यात शुल्क 9 सितंबर से लागू होगा। भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 21.2 मिलियन टन चावल का निर्यात किया। आंकड़े बताते हैं कि गैर-बासमती चावल का निर्यात 6.11 अरब डॉलर हुआ है।
बता दें कि चीन के बाद भारत दुनिया में चावल का दूसरा सबसे बड़ा निर्यातक है। विश्व के कुल चावल निर्यात में भारत का योगदान 40 फीसदी है। भारत ने 2021-22 में 21.1 टन चावल का निर्यात किया था।
खबरों में कहा गया है कि भारत ने दुनिया का सबसे बड़ा अनाज निर्यातक मानसून की औसत बारिश से कम होने की वजह से आपूर्ति बढ़ने और स्थानीय कीमतों को शांत करने की कोशिश करता है।
हालांकि, कुछ निर्यातों को 15 सितंबर तक इजाजत दे दी गी है। बता देंं कि भारत सरकार ने मई महीने में गेहूं के निर्यात पर बैन लगाया था। लेकिन इसके बाद बाजार में आटे की मांग बढ़ गई।