Breaking : जाति प्रमाण पत्र को लेकर दोहरी नीति से खफा भारिया समाज ने दी चुनाव बहिष्कार की चेतावनी

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कोरबा। एक ही जिले के दो अनुभाग में जाति प्रमाण पत्र जारी करने दो अलग नियम फॉलो किए जा रहे हैं। इससे वास्तव में जरूरतमंद युवाओं को योजनाओं के लाभ से बेवजह वंचित होना पड़ रहा है। यही गड़बड़ी उजागर करते हुए भारिया समाज ने कलेक्टर एवम जिला निर्वाचन अधिकारी सौरभ कुमार को पत्र लिखा है। नियमों के पेंच में फंसाकर जनजाति के लोगों के साथ दोहरी नीति अपनाए जाने और परेशान होने को विवश किए जाने की बात भी लिखी गई है। इस मसले पर नाराजगी व्यक्त करते हुए समाज ने विधानसभा चुनाव 2023 का बहिष्कार किए जाने की चेतावनी भी दी है। समस्या के समाधान के लिए पांच दिन का समय दिया गया है।

उन्होंने अपने पत्र में लिखा है कि भारिया जनजाति कोरबा जिले में निवासरत है, उनका जाति प्रमाण-पत्र तत्कालीन कलेक्टर के आदेशानुसार पंचायत क्षेत्रों में ग्राम सभा व नगरीय क्षेत्रों में सामान्य सभा के द्वारा किए गए जाति उद्घोषणा के आधार पर जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जा रहा था। परन्तु तत्कालीन कलेक्टर के कोरबा जिला से स्थानातरण हो जाने के बाद अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटघोरा एवं पोड़ी उपरोड़ा द्वारा जाति प्रमाण पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। इसके लिए प्रशासन स्तर पर पत्राचार किए जाने पर कोई सकारात्मक उत्तर नहीं मिला। अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कोरबा द्वारा भारिया जनजाति के लोगों द्वारा पंचायत क्षेत्रों में ग्राम सभा व नगरीय क्षेत्रों में सामान्य सभा के द्वारा किए गए जाति उद्घोषणा के आधार पर जाति प्रमाण-पत्र जारी किया जा रहा है। परन्तु अनुविभागीय अधिकारी (राजस्व) कटघोरा एवं पाली अनुविभाग में पद स्थापना के द्वारा भारिया जनजाति का जाति प्रमाण पत्र जारी किया गया है। पर कटघोरा एवं पोडी उपरोड़ा अनुविभागीय अधिकारी द्वारा तहसीलदार के अस्थाई जाति प्रमाण-पत्र जारी करने के बाद उसे स्थाई नहीं किया जा रहा है। इस तरह से जिला में भारिया जनजाति के लोगों के साथ प्रशासन द्वारा दो तरह का नियम बनाकर उनके भविष्य के साथ गलत किया जा रहा है। यह पत्र भारिया जनजाति समाज जिला कोरबा के अध्यक्ष विजय कुमार भारिया ने जिला निर्वाचन अधिकारी को लिखते हुए समाज के निर्णय से अवगत कराया है कि भारिया जनजाति के लोगों के साथ एक ही जिले में प्रशासन द्वारा दो तरह की नीति बनाकर हमारे भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। यदि 5 दिवस के भीतर हमारे समस्याओं का निराकरण नहीं किया जाता है, तो हम सभी कोरबा क्षेत्र में निवास करने वाले भारिया जनजाति के लोग विधानसभा चुनाव 2023 का बहिष्कार करेगें। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी प्रशासन की की होगी।