BREAKING NEWS: ट्रॉमा सेंटर के ICU में लगी भीषण आग, एक मरीज की मौत

0
54

ग्वालियर के जयारोग्य अस्पताल स्थित ट्रामा सेंटर के आईसीयू में मंगलवार सुबह आग लग गई। शॉर्ट सर्किट के चलते लगी आग के बाद ICU के अंदर अफरा तफरी मच गई और मरीजों को बाहर शिफ्ट किया गया। जानकारी सामने आ रही है कि इस आगजनी के दौरान बड़ी लापरवाही भी उजागर हुई है।

क्योंकि आईसीयू के अंदर मौजूद फायर सेफ्टी सिलेंडर एक्सपायर डेट के थे। वहीं कुछ सिलेंडर पर उसके रिफिलिंग और एक्सपायरी से जुड़े स्टीकर भी गायब थे, इलाज के अभाव में शिवपुरी जिले के रहने वाले एक पेशेंट की मौत भी होना बताया जा रहा है। लापरवाही को लेकर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ आर के एस धाकड़ ने जांच के आदेश दिए है।

दरअसल ट्रॉमा सेंटर के आईसीयू में जिस वक्त आग लगी उस दौरान 10 गंभीर पेशेंट वहां भर्ती थे। लेकिन इस बीच आईसीयू के पैनल एसी में शॉर्ट सर्किट के चलते आग लग गई जिस कारण आईसीयू के अंदर अफरा तफरी मच गई। आईसीयू के अंदर मौजूद डॉक्टर और मरीजों के अटेंडर ने मिलकर भर्ती गंभीर पेशेंट को आईसीयू के बाहर निकाला, साथ ही आईसीयू के अंदर मौजूद फायर एस्टिनगुर से आग बुझाने की कोशिश की गई, तो वह एक्सपायर डेट के निकले। हालांकि उसके जरिए आग को फैलने से रोक लिया गया। मौके पर फायर ब्रिगेड का अमला पहुंचा उसके पहले आग को बुझा लिया गया। शिवपुरी जिले के रहने वाले जिस पेशेंट की इस दौरान मौत होना बताया जा रहा है उनके परिजनों का कहना है कि आगजनी के दौरान ऑक्सीजन न मिलने के चलते उनके मरीज की मौत हुई है।

वहीं इस पूरे घटनाक्रम को लेकर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ आरकेएस धाकड़ का बयान सामने आया है। उनका कहना है कि आग लगने के बाद तत्काल अस्थाई आईसीयू तैयार कर वहां पर मरीजों को शिफ्ट किया गया था। जिस मरीज की मौत होने की बात कही जा रही है वह शिवपुरी मेडिकल कॉलेज से ग्वालियर रेफर किया गया था और पहले से ही ब्रेन डेड था।  फिर भी आगजनी की घटना को सामान्य नहीं लिया जा सकता। ऐसे में इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं। साथ ही फायर सेफ्टी से जुड़े संसाधनों के एक्सपायर होने की बात जो सामने आई है उसको लेकर भी संबंधित अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया।

गौरतलब है कि शासकीय अस्पतालों में आगजनी का यह कोई पहला मामला नहीं है। पूर्व में भी मध्य प्रदेश के कई शासकीय अस्पतालों में इस तरह की आगजानी की घटनाएं हो चुकी हैं, और ज्यादातर देखा गया है कि वहां फायर सेफ्टी से जुड़े संसाधनों का अभाव या फिर एक्सपायर होना पाया गया था। ऐसे में एक बार फिर फायर सेफ्टी नॉर्म्स के पालन में जो लापरवाही सामने आई है उस लिहाज से देखना होगा कि मामले में किस तरह का एक्शन लिया जाता है।