The Duniyadari: बालोद- जिले के प्रसिद्ध धार्मिक और पर्यटन स्थल मां सियादेवी मंदिर परिसर में आज एक बड़ा हादसा होते-होते टल गया। मंदिर और वॉटरफॉल जाने के लिए श्रद्धालु जिस पुल से गुजरते हैं, वहां इन दिनों पानी का बहाव बेहद तेज है। इसी बीच आज दो युवक पुल पार करते वक्त संतुलन खो बैठे और अचानक तेज धार में बहने लगे। हालांकि, मौके पर मौजूद ग्रामीणों की तत्परता से दोनों युवकों की जान बच गई, वरना यह घटना गंभीर रूप ले सकती थी।
जानकारी के अनुसार, सावन मास और छुट्टियों में सियादेवी मंदिर और इसके पास स्थित वॉटरफॉल में बड़ी संख्या में श्रद्धालु और पर्यटक पहुंचते हैं। शनिवार को भी सैकड़ों लोग मंदिर दर्शन और प्राकृतिक झरने का आनंद लेने पहुंचे थे। इसी दौरान दो युवक पुल पार कर रहे थे। लेकिन पानी का बहाव इतना तेज था कि उनका पैर फिसल गया और वे अचानक नदी की धार में बहने लगे। हादसे को देखकर आसपास मौजूद लोगों में हड़कंप मच गया। श्रद्धालुओं के बीच अफरा-तफरी की स्थिति पैदा हो गई। इस बीच नजदीकी गांव के कुछ ग्रामीणों ने तुरंत स्थिति को संभाला। उन्होंने बिना समय गंवाए पानी में छलांग लगाई और दोनों युवकों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया। ग्रामीणों की इस बहादुरी ने दोनों युवकों को नई जिंदगी दी।
प्रत्यक्षदर्शियों का कहना है कि यदि ग्रामीण समय पर आगे नहीं आते तो दोनों की जान बचाना मुश्किल था, क्योंकि बहाव काफी तेज था और पुल पर सुरक्षा के कोई ठोस इंतजाम नहीं किए गए थे। स्थानीय लोगों ने बताया कि सियादेवी मंदिर और वॉटरफॉल तक पहुंचने के लिए बनाया गया यह पुल हर साल बरसात के मौसम में बेहद खतरनाक हो जाता है।
बावजूद इसके श्रद्धालु जान जोखिम में डालकर इसका उपयोग करते हैं। कई बार प्रशासन को इस समस्या से अवगत कराया गया, लेकिन अब तक यहां सुरक्षा बैरिकेड, चेतावनी बोर्ड और बचाव दल जैसी व्यवस्थाएं नहीं की गई हैं। ग्रामीणों और श्रद्धालुओं ने प्रशासन से अपील की है कि मंदिर और वॉटरफॉल जाने वाले रास्तों पर सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए जाएं।
उन्होंने कहा कि यहां रोजाना बड़ी संख्या में लोग आते हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल होते हैं। ऐसे में किसी भी दिन बड़ा हादसा हो सकता है। घटना के बाद श्रद्धालुओं में दहशत का माहौल है।
कई लोगों ने इसे प्रशासन की लापरवाही करार दिया। उनका कहना है कि मंदिर परिसर और पुल के आसपास स्थायी रूप से पुलिसकर्मी और आपदा प्रबंधन दल की तैनाती की जानी चाहिए।
गौरतलब है कि मां सियादेवी मंदिर न केवल धार्मिक स्थल है, बल्कि प्राकृतिक सौंदर्य और वॉटरफॉल के कारण पर्यटकों का प्रमुख आकर्षण भी है। बरसात के मौसम में यहां जलस्तर बढ़ने से खतरा और अधिक बढ़ जाता है। आज की घटना ने एक बार फिर प्रशासन को चेतावनी दी है कि अगर समय रहते कदम नहीं उठाए गए तो भविष्य में किसी बड़ी अनहोनी से इंकार नहीं किया जा सकता।