CG: अमन ज्योति जाहिरे को नई दिल्ली में मिलेगा राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार..वर्ष 2021 के लिए मार्कण्डेय पुरस्कार के रूप में हुआ चयन..

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रायपुर । छत्तीसगढ़ राज्य के के कोरबा जिला निवासी अमन ज्योति जाहिरे को देश की राजधानी नई दिल्ली में राष्ट्रीय वीरता पुरस्कार मिलेगा। अमन का चयन वर्ष 2021 के लिए मार्कण्डेय पुरस्कार के लिए किया गया है। उन्होंने कोरबा- बालको के प्रसिद्ध पिकनिक स्थल परसाखोला में पानी के तेज उफान में फस गए अपने से बड़े एक युवक को गहरी खाई में फिसलने व बहने से बचाया। अपनी जान पर खेलकर और साहस का परिचय देने वाले अमन के इस जोखिम कार्य से उसके हाथ की हड्डी टूटने के साथ पीठ और सीने में भी गहरी चोंट आई थी। अमन को छत्तीसगढ़ में राज्य वीरता पुरस्कार भी दिया गया है। अब राष्ट्रीय बाल कल्याण परिषद द्वारा देश भर के बहादुर बच्चों के साथ अमन को भी पुरस्कृत किया जाएगा।

फ्रेंडशिप डे के दिन हुआ था हादसा

. घटना दिनांक 1 अगस्त 2021 फ्रेण्डशिप डे का है। मुहल्ले में रहने वाले दोस्त साहिल पैगवार का जन्मदिन था। इस बीच साहिल का जन्मदिन मनाने के लिए कुछ दोस्तों की फरमाइश पर 8 लोग घर से लगभग 20 किलोमीटर दूर कोरबा जिला के प्रसिद्ध पिकनिक स्पॉट परसाखोला बांध के झरना के पास दोपहर लगभग 2 बजे पिकनिक मनाने गए थे। परसाखोला बांध के पास पहुचने के कुछ देर बाद कक्षा 12 वीं में पढ़ाई करने वाला आशीष ठाकुर जल प्रपात के पहले किनारे में अपना पैर धोने के लिए गया हुआ था। इसी बीच चट्टान में पैर फिसलने की वजह से वह बहते हुए पानी में भीतर चला गया। वह आगे की ओर पानी के तेज बहाव में लगातार फिसल रहा था।
हल्की बारिश और खतरनाक चट्टान होने के अलावा पानी के तेज धार की वजह से कोई उसे बचाने भी नहीं जा पा रहा था। उनके सभी दोस्तों को तैरना भी नहीं आता था। सभी बचाओं-बचाओं चिल्ला रहे थे। उस चट्टान में फिसलन होने की वजह से कोई भी उसे बचाने के लिए पानी में नहीं जा पा रहा था। अमन को भी तैरना बिल्कुल नहीं आता था। उसने सोचा थोड़ा बहुत पानी में हाथ पैर चला कर उसे बचा सकता हूं। इस बीच सभी को डर भी लगने लगा था और पानी में बहते अपने दोस्त को देखकर दिमाग भी ठीक से काम नही कर रहा था।
अमन ने बताया कि पता नहीं मैं कैसे पानी में कूद गया। इस बीच उसे बचाने की इतनी जल्दबाजी थी कि मैं अपना जेब में रखा मोबाइल भी निकालना भूल गया। जैसे-तैसे चट्टान में तेज पानी के धार में कूद गया और आशीष के पास पहुचंकर आशीष ठाकुर को लगभग खाई में गिरने से पहले ही रोक लिया। उसे किसी तरह रोक कर कुछ आगे की ओर लाया। इसके बाद एक अन्य दोस्त के आने से उसे और किनारे पर ले आए। इस बीच पानी की धार में बहने और लगभग हार मान चुका आशीष ठाकुर बेसुध था। उसने बहुत पानी भी पी लिया था। बाहर आने पर कुछ देर तक बेहोश जैसा और उल्टी भी करने लगा था। आशीष को बचाते समय मेरे जीन्स और शर्ट भी फट गए। हाथों में गहरा जख्म लगा और गले, छाती सहित शरीर में अंदरूनी चोटे भी आई। एक हाथ की हड्डी भी खिसक गई थी। हम लोगों ने घायल आशीष को जिला चिकित्सालय भी लेकर आए। दोनों का यहा इलाज हुआ। फिर घर चले गए। घटना को याद कर अभी भी डर लगता है। आशीष को पानी के तेज धार में बहते देख मैं उसे बचाने कैसे कूद गया यह भी मुझे यकीन नहीं होता। उस दिन यदि कुछ भी हो सकता था। मैं उसे बचाने नहीं जाता तो शायद वह गहरे पानी की खाई में समा जाता। हो सकता था कि बचाते वक्त हम दोनों भी बचकर नहीं लौटते। कोरबा जिले के अंतर्गत परसाखोला बांध एक सुंदर और खतरनाक पिकनिक स्पॉट है। बारिश के मौसम में पानी का बहाव तेज होने से यह और खतरनाक हो जाता है। कई स्थानों पर संकरी और अनुमानतः 60 से 70 फीट की खाईनुमा गहराई है। 2019 में ही अमन कुमार नामक युवक बह गया था, जिसकी मौत हो चुकी है। इसके अलावा कई युवक यहा हादसे का शिकार हो चुके हैं। हम लोगों ने इस पिकनिक स्पॉट के बारे में यह सब नहीं सुना था। अब से ऐसे जगहों में कभी नहीं जाने का निर्णय लिया है।

 

1957 में पहले प्रधान मंत्री ने दो बच्चों को पुरस्कृत किया था

भारतीय बाल कल्याण परिषद ने ‘वीरता पुरस्कार’ बहादुर बच्चों को उचित
पहचान देने के लिए शुरू किया था। 1957 में दो बच्चों को भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहर लाल नेहरू ने उनकी साहस के लिए पुरस्कृत किया गया था। इसके बाद से हर साल बहादुरी का प्रदर्शन करने वाले बच्चों को राष्ट्रीय पुरस्कार प्रदान किया जाता है। 1957 में दो बच्चों को भारत के पहले प्रधान मंत्री जवाहर लाल नेहरू ने उनकी साहस के लिए पुरस्कृत किया गया था।

अमन की सूझबूझ काम आई

अमन को भी तैरना नहीं आता था, वह यह सोचकर कि मित्र को किसी भी तरह बचाने की कोशिश कर लेगा, वह पानी में कूद गया। पानी में चट्टानों के बीच बहते हुए अपने मित्र आशीष को अमन ने पकड़ लिया। कुछ देर तक आशीष को रोक कर रखे के बाद एक अन्य मित्र दीपांशु के पहुंच जाने से वे दोनों आशीष को किनारे ले आए। पानी के तेज बहाव में बहने के कारण आशीष बेहोश हो चुका था।किनारे पर लाकर उन्होंने आशीष के पेट में भरे पानी को बाहर निकाला। विपरीत समय पर अमन की सूझबूझ व साहस से उसके मित्र आशीष की जिंदगी बच पाई।

राहुल रेस्क्यू में चाचा कमलज्योति ने दिया था बड़ा योगदान

अभी 12 वीं की पढ़ाई कर रहे छात्र अमन ज्योति के चाचा कमलज्योति जाहिरे जनसंपर्क विभाग में अधिकारी है। जांजगीर-चाम्पा जिले के ग्राम पिहरीद में 10 जून 2022 को बोरवेल में गिरे राहुल रेस्क्यू अभियान में कमलज्योति की बड़ी भूमिका थी। लगातार 96 घण्टे तक बिना सोये वे घटनास्थल पर न सिर्फ डटे रहे,अपितु अपने मोबाइल से फ़ोटो-वीडियो लेकर घटना की पल-पल की जानकारी दिन रात मीडिया सहित विभाग को बहुत ही सकारात्मकता के साथ देते रहे। उनके इस कार्य की राज्य में खूब प्रशंसा हुई और मुख्यमंत्री भूपेश बघेल द्वारा भी उन्हें पुरस्कृत किया गया।