ईश्वर चंद्रा/ कोरबा। छत्तीसगढ़ में दो चरणों में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए कांग्रेस और बीजेपी ने सभी 90 सीटों पर प्रत्याशियों का ऐलान कर दिया है। जबकि दूसरे चरण की 70 सीटों के लिए क्षेत्रीय दलों में अभी उम्मीदवारों की सूची जारी करने का सिलसिला जारी है।
बिलासपुर संभाग की जिन हाईप्रोफाइल सीटों पर सबकी नजर लगी हुई है उनमें अंबिकापुर, सक्ती, खरसिया, कोटा और कोरबा विधानसभा शामिल है। इनसे से कोटा को छोड़कर बाकी सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। अंबिकापुर में कांग्रेस विधायक टीएस सिंहदेव प्रदेश के डिप्टी सीएम हैं। सक्ती विधायक चरणदास महंत विधानसभा अध्यक्ष, खरसिया विधायक उमेश पटले उच्च शिक्षा मंत्री तो कोरबा विधायक जयसिंह अग्रवाल प्रदेश सरकार मे राजस्व मंत्री हैं। कांग्रेस के इन मंत्रियों के खिलाफ बीजेपी ने नए चेहरों को मैदान में उतारा है। लेकिन कोरबा में मंत्री जयसिंह अग्रवाल के खिलाफ भाजपा ने अपने पुराने चेहरे लखनलाल देवांगन को मैदान में उतारा है। दो पुराने चेहरों के आमने सामने होने से कोरबा विधानसभा चुनाव के नतीजों पर सबकी नजर बनी हुई है।
बिलासपुर संभाग की हाई प्रोफाइल सीट की बात करें तो वर्ष 2003 में परिसीमन के बाद कोरबा सीट के अस्तित्व में आया था। जिसके बाद से कोरबा में 2008, 2013, 2018 में विधानसभा चुनाव हुए हैं। इन तीन चुनाव में कांग्रेस की ओर से जयसिंह अग्रवाल जीत हासिल करते रहे हैं। इस सीट पर बीजेपी ने पहले बनवारी लाल अग्रवाल, जोगेश लांबा फिर सांसद बंशी लाल महतो के पुत्र विकास महतो को टिकट मिला, लेकिन वे कोरबा सीट जीत नहीं सके थे. इस बार बीजेपी ने जयसिंह अग्रवाल के खिलाफ लखन लाल देवांगन को टिकट दिया है। जिससे इस सीट पर रोचक मुकाबला की उम्मीद है।
0.बोधराम कंवर को हराकर कटघोरा से विधायक रह चुके हैं लखनलाल
बीजेपी प्रत्याशी लखन लाल देवांगन के सियायी सफर पर गौर करें तो उन्होंने पहली बार नगर पालिक निगम में वार्ड पार्षद का चुनाव जीता, फिर 2005 में कोरबा नगर निगम के मेयर का चुनाव जीता। उनके मेयर रहने के दौरान कोरबा नगर निगम में किए कार्यों को देखते हुए वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के कद्दावर आदिवासी नेता और मौजूदा कटघोरा बोधराम कंवर के सामने उन्हें टिकट दिया था। इस चुनाव में बोधराम कंवर को हराकर कटघोरा निर्वाचन क्षेत्र से छत्तीसगढ़ विधानसभा के सदस्य बनने में कामयाब रहे।
रमन शासन काल में उन्हें संसदीय सचिव की जिम्मेदारी सौंपी गई। 2018 के चुनाव में बीजेपी ने उन्हें फिर से कटघोरा से बनाया लेकिन, इस बार बोधराम कंवर के पुत्र पुरूषोत्तम कंवर के सामने उन्हें हार का सामना करना पड़ा। अब 2023 के विधानसभा चुनाव में तीसरी बार बीजेपी ने कटघोरा की बजाय हाई प्रोफाइल कोरबा सीट से मंत्री जयसिंह अग्रवाल के सामने उतारा है।
लेकिन इस बार बीजेपी ने संभाग में कांग्रेस के मंत्रियों की घेराबंदी कर नए चेहरों को मैदान में उतारा है। लेकिन, कोरबा में मंत्री जयसिंह अग्रवाल के खिलाफ बीजेपी का पुराने चेहरे पर ही भरोसा करना पड़ा, इस बात की चर्चा लोगों में हो रही है। क्या इस बार लखनलाल देवांगन कांग्रेस के जय रथ को रोक पाएंगे, इसके लिए नतीजों का इंतजार करना होगा।