छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस ने पूछा- ‘क्या ऐसे लोगों पर भी केस नहीं होना चाहिए जो नौकरी के लिए रुपये देते हैं?’

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बिलासपुर– छत्तीसगढ़ हाई कोर्ट में चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा की डिवीजन बेंच के समक्ष एक मामला प्रस्तुत हुआ जिसमें यूएसए में रह रहे युवक आकाश कौशिक ने उनके खिलाफ पुलिस द्वारा दर्ज एफआइआर को रद्द करने और कार्रवाई पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की है।

सुनवाई के दौरान चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, एडवाइजरी और लगातार समझाइश के बावजूद लोग अब भी ठगी का शिकार हो रहे हैं और अपनी जीवनभर की कमाई गंवा रहे हैं। उन्होंने कड़े शब्दों में शिकायतकर्ताओं की नासमझी पर सवाल उठाए और पूछा कि क्या उन्हें नहीं पता कि नौकरी के नाम पर रिश्वत देना भी अपराध है।

चीफ जस्टिस ने नाराजगी जाहिर करते हुए अधिवक्ता से यह भी पूछा कि क्या ऐसे लोगों के खिलाफ भी अपराध दर्ज किया जाना चाहिए जो नौकरी के नाम पर नकद राशि देते हैं। बता दें कि बिलासपुर जिले के जयरामनगर निवासी सविता साहू व अन्य ने आरोप लगाया कि यूएसए में रहने वाले आकाश कौशिक के जीजा ने उन्हें नौकरी दिलाने के नाम पर 17 लाख रुपये लिए और नकली नियुक्ति पत्र थमा दिया।

पुलिस जांच के दौरान जीजा का 2017 में एक सड़क दुर्घटना में निधन हो गया। इसके बाद शिकायतकर्ताओं ने आकाश कौशिक और उसकी बहन पर धोखाधड़ी का आरोप लगाते हुए और उन्हे आरोपित बनाने पुलिस में दोबारा शिकायत की और कहा कि उन्होंने आकाश को नकद राशि भी दी थी। पुलिस ने मामले में यूएसए में रह रहे आकाश का भी नाम आरोपित में शामिल कर दिया.