रायपुर। आज जन्माष्टमी के अवसर पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राजधानी रायपुर के तेलीबांधा में ‘कृष्ण कुंज’ का किया लोकार्पण। इस मौके पर प्रदेश के 162 नगरीय क्षेत्रों में बने कृष्ण कुंज में पौधारोपण किया गया।
मुख्यमंत्री भुपेश बघेल की पहल पर छत्तीसगढ़ के सभी नगरीय क्षेत्रों में ’कृष्ण कुंज’ विकसित किए जा रहे हैं। जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्ण कुंज में बरगद, पीपल, कदंब जैसे सांस्कृतिक महत्व के एवं जीवनोपयोगी आम, इमली, बेर, गंगा इमली, जामुन, गंगा बेर, शहतूत, तेंदू ,चिरौंजी, अनार, कैथा, नीम, गुलर, पलास, अमरूद, सीताफल, बेल, आंवला के वृक्षों का रोपण किया जाएगा।
वृक्षारोपण को जन-जन से जोड़ने, सांस्कृतिक विरासत को सहेजने के लिए ‘कृष्ण-कुंज’ नाम दिया गया।
इसके बाद मुख्यमंत्री बघेल ने गाय को गुड़-चना खिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा, श्री कृष्ण का रूप धरे बच्चों से मुलाकात की। भगवान कृष्ण के अनेक नाम हैं माखनचोर, रणछोड़, द्वारिकाधीश अनेक नाम हैं। माताएं अपने बच्चों को सदैव भगवान कृष्ण के रूप में देखती हैं। कृष्ण के अनेक रूप हैं, हमारे छत्तीसगढ़ में बच्चे सबसे पहला कोई उपवास रखते हैं तो वह जन्माष्टमी का होता है। भगवान श्री कृष्ण अर्थशास्त्री भी थे, उन्होंने कृषि से गौपालन को जोड़ा था। छत्तीसगढ़ में हमने गौपालन का कार्य शुरू किया है, गांव और शहर में गौठान बना रहे हैं। गोबर और गौमूत्र खरीदने का कार्य भी कर रहे हैं। गौमाता की सेवा के साथ स्वच्छता का कार्य भी सरकार कर रही है।