टिहरी: एक आईएएस जिले की कमान संभालता है। प्रशासनिक इंतजामों को दुरुस्त करता है। जिले में विकास की रोशनी को बढ़ाने की कोशिश करता है। दिल्ली और प्रदेश की राजधानी से चलने वाली योजनाओं का लाभ गांव के आखिरी व्यक्ति तक पहुंचाने का प्रयास करता है। लेकिन, कुछ ऐसे अधिकारी होते हैं जो कुछ अलग कर जाते हैं। चर्चा में आ जाते हैं। इनसे बदलाव की स्थिति बनती है। लोगों की उम्मीद जगती है। उम्मीदों पर खड़ा उतरने के बाद ऐसे अधिकारी लोगों के बीच हीरो बन जाते हैं। जुड़ जाते हैं। फिर अधिकारी भी लोगों के दुख-दर्द से जुड़ते हैं। ऐसे ही अधिकारी डॉ. संतोष गहरवार, रोशन जैकब कहलाते हैं। आज हम बात करेंगे टिहरी जिले के डीएम डॉ. संतोष गहवार की। इस अधिकारी ने पहाड़ के लोगों का दर्द देखा तो उससे जुड़े। अपने डॉक्टरी ज्ञान का उपयोग किया। आला उठाए। इलाज शुरू किया। अब उनकी लोकप्रियता की चर्चे पूरे प्रदेश में हैं। लोगों के लिए डॉ. संतोष सबसे बेहतरीन अधिकारी की भूमिका में दिख रहे हैं।
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पहाड़ जैसा कठिन लोगों का जीवन
पहाड़ के लोगों का जीवन भी पहाड़ जैसा ही कठिन होता है। स्वास्थ्य सेवाएं बदहाल। असर सीधे आम आवाम पर पड़ती है। सबसे ज्यादा खामियाजा गर्भवती महिलाओं और बुजुर्गों को ही भुगतना पड़ता है। आलम यह है कि महिलाओं को अल्ट्रासाउंड कराने सहित अन्य बीमारियों के इलाज के लिए श्रीनगर, ऋषिकेश और देहरादून तक की दौड़ लगानी पड़ती है। लेकिन, डॉक्टर डीएम संतोष गहरवार की जिले में तैनाती ने माहौल को बदल दिया है। बेलेश्वर के लोगों को फिलहाल डीएम डॉ. सौरभ गहरवार ने खुद लोगों का दर्द दूर करने की जिम्मेदारी उठाई है। अल्ट्रासाउंड कर रहे हैं। अब लोगों को राहत है। डीएम ने एक दिन में 80 महिलाओं का अल्ट्रासाउंड किया। इसकी जबर्दस्त चर्चा हो रही है।
ढाई माह से नहीं हैं रेडियोलॉजिस्ट
बेलेश्वर सीएचसी में पीपीपी मोड पर अल्ट्रासाउंड मशीन संचालित किया जा रहा है। पिछले ढाई माह से गायनेकोलॉजिस्ट और रेडियोलोजिस्ट नहीं हैं। अस्पताल को संचालित कर रहा हिमालयन अस्पताल जौलीग्रांट रोटेशनल आधार पर यहां प्रसूति रोग विशेषज्ञ की तैनाती करता है। हालांकि, पिछले ढाई माह से सीएचसी में रेडियोलॉजिस्ट का पद खाली है। ढाई माह पहले गायनेकोलॉजिस्ट के अस्पताल छोड़कर चले जाने के बाद से अभी तक नई नियुक्ति नहीं की गई है।
बेलेश्वर सीएचसी में निरीक्षण के लिए पहुंचे थे जिलाधिकारी
तबादले पर उबले थे लोग
डीएम के नियुक्ति पहले भी टिहरी में थी, लेकिन वर्ष 2021 में उनका तबादला चमोली जिले में कर दिया गया था। इसका टिहरी के लोगों ने जमकर विरोध किया। डीएम के तबादले के विरोध में जनता सड़कों पर उतर आई। जनाक्रोश न थमता देख सरकार को अपना फैसला बदलना पड़ा। डॉ. संतोष गहरवार को फिर से टिहरी जिले की कमान सौंपी गई। इसके बाद जनता शांत हुई। डीएम का लोगों के बीच इसके बाद से लगातार संपर्क बढ़ा है। वे अधिक पॉपुलर हो रहे हैं। इसी बीच उनके सामने बेलेश्वर सीएचसी में अल्ट्रासाउंड न हो पाने का मामला आया।
सीएचसी पहुंच कर शुरू कर दिया इलाज
डीएम ने लोगों की परेशानी जानने के बाद बेलेश्वर सीएचसी का दौरा किया। डीएम वहां बतौर डॉक्टर बैठे। 80 गर्भवती महिलाओं के अल्ट्रासाउंड किए। उन्हें जरूरी परामर्श दिया। डीएम ने अस्पताल की व्यवस्थाओं में सुधार के लिए अस्पताल प्रबंधन को आवश्यक निर्देश दिए। दरअसल, डॉ. गहरवार के बलेश्वर आने की सूचना मिलते ही दूरस्थ क्षेत्रों के 250 लोगों ने अल्ट्रसाउंड के लिए पंजीकरण करवा लिया था। डीएम ने कहा कि वह दोबारा यहां आकर उनका अल्ट्रासाउंड भी करेंगे, जिनका आज नहीं हो पाया। रेडियोलॉजिस्ट डॉ. गहरवार पहले पिथौरागढ़ जिले के गंगोलीहाट और नई टिहरी के बौराड़ी अस्पताल में लोगों के अल्ट्रासाउंड कर चुके हैं।