DSP पर गंभीर आरोपों का नया विवाद: प्रेम संबंध, पैसों की मांग और धमकियों का दावा—पीड़ित दंपति ने लगाई निष्पक्ष जांच की गुहार

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The Duniyadari : रायपुर। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों से जुड़े निजी विवादों की कड़ी में एक और मामला सामने आया है, जिसने विभाग के भीतर हलचल बढ़ा दी है। इस बार मामले के केंद्र में हैं महिला DSP कल्पना वर्मा, जिन पर रायपुर के युवक दीपक टंडन और उनकी पत्नी ने गंभीर आरोप लगाए हैं। दंपति का कहना है कि यह मामला केवल व्यक्तिगत विवाद नहीं, बल्कि ब्लैकमेलिंग, रिश्वत और दबाव डालने तक पहुँच गया है।

चार साल तक चलने वाले कथित संबंध का दावा

दीपक टंडन के अनुसार, उनकी शादी वर्ष 2011 में हुई थी। उन्होंने बताया कि 2021 में DSP कल्पना वर्मा से उनका परिचय हुआ और उसके बाद उनके बीच करीब चार वर्षों तक नज़दीकियां बनी रहीं। दीपक का दावा है कि इस दौरान लगातार पैसों की मांग की गई और वे लगभग ढाई करोड़ रुपये तक खर्च कर चुके हैं।

दीपक का कहना है कि जब DSP ने शादी पर ज़ोर दिया, तो उन्होंने अपनी पत्नी से अलग होने से साफ इनकार कर दिया। इसके बाद दोनों के बीच पैसों को लेकर विवाद बढ़ा और उन्होंने अपनी रकम लौटाने की मांग शुरू कर दी।

पत्नी का आरोप: देर रात वीडियो कॉल, 45 लाख का चेक और पुलिस कार्रवाई का डर

दीपक की पत्नी बरखा टंडन ने भी DSP पर गंभीर आरोप लगाए हैं। बरखा का कहना है कि उनके पति रात देर तक DSP से वीडियो कॉल पर बात करते थे और रोकने पर भी यह सिलसिला चलता रहा। उन्होंने दावा किया कि DSP ने उनके पास से 45 लाख रुपये का चेक लेने का दबाव बनाया और रकम प्राप्त भी कर ली गई, जिसके बाद उल्टा उनके खिलाफ शिकायत दर्ज कराई गई।

कथित होटल खरीद, डिजिटल चैट और सीसीटीवी फुटेज का दावा

पीड़ित पक्ष का कहना है कि DSP के भाई के नाम पर VIP रोड स्थित एक होटल खरीदने का भी आश्वासन दिया गया था। दंपति ने आरोप लगाया कि व्हाट्सएप चैट और कुछ CCTV फुटेज उनके दावों की पुष्टि करते हैं, जिन्हें उन्होंने जांच में प्रस्तुत करने की बात कही है।

उनका कहना है कि शिकायत वापस न लेने पर उन्हें फर्जी केस में फंसाने और जेल भेजने की धमकी मिली। दंपति ने आरोप लगाया कि इस पूरे घटनाक्रम में उन्हें मानसिक, सामाजिक और आर्थिक नुकसान हुआ है।

DSP का पक्ष: सभी आरोप निराधार

DSP कल्पना वर्मा ने अपनी तरफ से जारी बयान में कहा है कि उनके खिलाफ लगाए गए आरोप पूरी तरह झूठे और बदनाम करने की कोशिश हैं। उन्होंने कहा कि वह किसी भी गलत गतिविधि में शामिल नहीं हैं और जांच में सच्चाई सामने आ जाएगी।

प्रशासन की नजर और संभावित कार्रवाई

मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए प्रशासन ने साफ संकेत दिए हैं कि यदि जांच में आरोप सही पाए गए, तो DSP के खिलाफ विभागीय कार्रवाई के साथ कानूनी प्रक्रिया भी प्रारंभ की जाएगी।

यह विवाद पुलिस विभाग के अधिकारियों के निजी आचरण और पेशेवर मर्यादाओं पर फिर से सवाल खड़ा करता है।

पीड़ित दंपति ने कहा है कि वे न्याय की लड़ाई लड़ेंगे और अपनी रकम तथा सम्मान वापस पाने के लिए कानूनी कदम जारी रखेंगे।