नोएडा– नोएडा पुलिस ने यूट्यूबर एल्विश यादव और उसके साथियों के मोबाइल फोन से डिलीट किए गए डेटा को जुटाने की तैयारी तेज कर दी है। इसके लिए गाजियाबाद स्थित फॉरेंसिक लैब को रिमांइडर भेजा गया है। माना जा रहा है कि डिलीट किए गए डेटा में केस से संबंधित अहम साक्ष्य हैं।
नोएडा पुलिस ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को एल्विश के खिलाफ, जो साक्ष्य और दस्तावेज उपलब्ध कराए, वहीं अब कार्रवाई का आधार बन रहे हैं। नोएडा पुलिस ने ईडी को एल्विश की चल और अचल संपत्ति की जानकारी भी दी थी। पुलिस ने हरियाणवी गायक और रैपर राहुल यादव उर्फ फाजिलपुरिया को भले ही आरोपी नहीं बनाया था, लेकिन नोएडा पुलिस ने उसके ऊपर पूरा होमवर्क कर लिया था। पुलिस के पास दोनों की कमाई के हर स्रोत की जानकारी थी। जल्द ही फाजिलपुरिया और एल्विश की अन्य संपत्तियां भी जब्त हो सकती हैं।
प्रवर्तन निदेशालय में पांच साल तक अपनी सेवाएं दे चुके नोएडा पुलिस के वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पुलिस की तरफ से, जो जानकारी मुहैया कराई गई, ईडी ने उस पर दो तरीके से जांच की। काले धन की जांच हो रही है, उसमें यह जानकारी जुटाई जा रही है कि दोनों की कमाई का कितना हिस्सा ऐसा है जिस पर उनके द्वारा आयकर समेत अन्य प्रकार का कर नहीं दिया गया।
दोनों द्वारा अर्जित किए गए अवैध धन की भी जांच जारी है। इसमें उन संपत्तियों की जांच शामिल है, जो आपराधिक तरीके से कमाई गई। एल्विश और उसके साथियों की मुश्किलें डेटा रिकवरी के बाद और बढ़ेंगी। गाजियाबाद स्थित फॉरेंसिक लैब में एल्विश और उसके साथियों के, जो तीन मोबाइल भेजे गए हैं, उसके लिए नोएडा पुलिस ने रिमांइडर भेजा है।
अक्टूबर मध्य तक डेटा रिकवरी की रिपोर्ट नोएडा पुलिस को मिल जाएगी। मोबाइल से, जो भी डेटा रिकवर होगा, नोएडा पुलिस उसे प्रवर्तन निदेशालय के साथ साझा करेगी। आशंका जताई जा रही है कि रेव पार्टी और संपत्ति के बारे में एल्विश और उसके साथियों के मोबाइल में अहम जानकारी हैं, जिसे सुनियोजित तरीके से डिलीट किया गया है। जांच में कई अहम चीजें तीनों के मोबाइल फोन से डिलीट मिली थीं। एल्विश के खिलाफ केस दर्ज होने के बाद सपेरे राहुल को लेकर नोएडा पुलिस जब फरीदाबाद और फाजिलपुर गांव गई, तो वहां एक अहम रजिस्टर मिला। रजिस्टर में 60 पार्टियों का ब्योरा था। रजिस्टर में नाम की जगह पुलिस को नंबर मिले थे।
एल्विश यादव पर ईडी की कार्रवाई के पीछे सांपों के साथ एनसीआर में 60 से अधिक पार्टी के पुख्ता सबूत बताए जा रहे हैं। ये सबूत नोएडा पुलिस ने उस समय एकत्र किए थे, जब फरीदाबाद और फाजिलपुर गांव में एल्विश के ठिकानों पर छापेमारी की गई थी। बाद में इन्हीं सबूतों और जानकारी के साथ ईडी ने जांच की और अब एल्विश यादव और फाजिलपुरिया की संपत्ति को अटैच कर दिया।
नोएडा पुलिस ने सपेरे राहुल की निशानदेही पर फरीदाबाद से दो सांपों को भी बरामद किया था। इन सांपों की भी विष ग्रंथि नहीं थी। जब ईडी ने इस जांच को आगे बढ़ाया तब पता चला कि कई पार्टियों में सांपों के जहर का इस्तेमाल हुआ। यहां सांपों के साथ वीडियो बनाए गए। इनसे एल्विश यादव की अवैध कमाई हुई थी। इसके बाद ईडी ने अब एल्विश यादव की अवैध संपत्ति को अटैच कर लिया। सेक्टर-49 थाने में केस दर्ज होने के 135 दिन बाद एल्विश यादव को 17 मार्च को एल्विश यादव को गिरफ्तार किया गया था। एल्विश के खिलाफ वन्य जीव अधिनियम के अलावा एनडीपीएस एक्ट की धाराओं में बढ़ोत्तरी की गई थी।
सांपों के खेल में नोएडा पुलिस फाजिलपुरिया से जब पूछताछ की तैयारी कर रही थी, उसी दौरान एल्विश यादव को गिरफ्तार कर लिया गया था। नोएडा पुलिस के लिए एल्विश नामजद था, ऐसे में उसकी गिरफ्तारी होते ही पुलिस ने जांच की रफ्तार धीमी कर दी और फाजिलपुरिया को नोटिस देकर नहीं बुलाया। चर्चित नाम होने के कारण ईडी ने एल्विश, फाजिलपुरिया पर लखनऊ में केस दर्ज कराया था।