EXCLUSIVE : हरियरपुर से हरियाली बचाने अन्दोलन की हुई शुरुवात…कोल ब्लाक का विरोध,जल जंगल जमीन बचाने जुट रहे आदिवासी…

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*अरविंद पांडेय*

कोरबा।4 जुन सरगुजा सभाग के सूरजपुर जिले हरोयाली बचाने का मिशन जिस गाव से शुरू हुआ है उस गाव का नाम ही हरियरपुर है मतलब हरियाली बचाने की शूरुआत ही हरियरपुर से हुई है।


दरसल हरियरपुर गाव उस समय चर्चा मे आया जब केन्द्र सरकार ने कोल ब्लाक का आवंटन कर दिया और छत्तीसगढ़ सरकार को खनन की अनुमति दे दी, तब से हसदेव अरण्य बचाओ आन्दोलं का आगाज यहा के आदिवासियो कुछ जागरुक लोगो के साथ मिलकर  आस पास के गाव के ग्रामीण बड़ी संख्या मे पहुच कर कोल ब्लाक का विरोध कर रहे है। आंदोलन की  गूंज इंग्लैंड की कैम्ब्रिज यूनिवर्सिटी तक पहुंच गई है। इससे समझा जा सकता है की आदिवासियो के इस अन्दोलन की अवाज विदेशो तक पहुच गई ,जो भविष्य मे विदेशी टूर मे जाने वाले भारतीय राजनायकों के सामने उठते रहेगे,घने जंगलो के बीच बसे हरियरपूर से महज 3 किलोमीटर दूर अडानी की कोयला खदान है जिसकी वजह से गाव के कुए सुख गये हा हैंड पम्प केवल एक ही चल रहा है पानी का संकट साफ नजर आता है,सूरजपुर जिले के हरियरपुर मे खुलने वाली खदान का विस्तार कोरबा जिले की सीमा तक होगा। महुआ पेड़ के निचे लकडी का मंडप बनाकर अन्दोलन कर रहे है ।अन्दोलन स्थल मे खाना बनता है।दोनापत्तल मे खाना खाते है। पूरी तरह प्राकृतिक संसाधनो के साथ अन्दोलन कर रहे आदिवासियो की हौसला अफजाई करने प्रतिदिन लोग पहुचते है।