देश के इतिहास में पहली बार स्पीकर के लिए होगा चुनाव,ओम बिरला के खिलाफ कांग्रेस ने के सुरेश को उतारा

0
23

Lok Sabha Speaker Election: सरकार और विपक्ष (NDA और INDIA अलांयस ) के बीच स्पीकर के नाम को लेकर सहमति नहीं बन पाई। इसके कारण NDA के बाद INDIA ने भी स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार उतार दिया है। विपक्ष ने के सुरेश को स्पीकर पद के लिए INDIA का उम्मीदवार बनाया है। वहीं बीजेपी ने एक बार फिर इस पद के लिए ओम बिरला को अपना उम्मीदवार बनाया है। एनडीए उम्मीदवार ओम बिरला ने अपने स्पीकर पद के लिए नामांकन कर दिया है। वहीं के सुरेश ने भी नामांकन भर दिया है। अब 26 जून को लोकसभा के स्पीकर का फैसला चुनाव के माध्यम से होगा। देश के इतिहास में पहली बार स्पीकर चुनाव के माध्यम से तय होगा।

इससे पहले खबर आई थी की NDA और INDIA ब्लॉक के बीच सहमति बन गई है। लोकसभा स्पीकर पर एनडीए का उम्मीदवार होगा। विपक्ष स्पीकर पद के लिए अपना उम्मीदवार नहीं उतारेगा। सूत्रों का कहना था कि स्पीकर के नाम पर विपक्षी दलों के साथ सहमति बनती है तो डिप्टी स्पीकर का पद विपक्ष दिया जा सकता है। राहुल गांधी ने खुद मीडिया में आकर स्पीकर के खिलाफ उम्मीदवार नहीं उतारने की बात कही थी।

डिप्टी स्पीकर ने बिगाड़ा खेल

सूत्रों से पता चला है कि डिप्टी स्पीकर के लिए NDA और INDIA अलांयस के बीच सहमति नहीं बन पाई। NDA डिप्टी स्पीकर का पद भी अपने पास रखना चाहती है। वहीं INDIA अलांयस इसे विपक्ष को देने की मांग कर रहे थे। जबकि BJP लोकसभा अध्यक्ष का पद अपने पास रखकर अपने घटक दल TDP या JDU को देना चाहती है। लिहाजा इस पर सहमति नहीं बन पाने के कारण इंडिया गठबंधन से अपना उम्मीदवार उतार दिया है।

लोकसभा में क्या है नंबरगेम?

लोकसभा के नंबरगेम की बात करें तो इस बार तस्वीर 2014 और 2019 के मुकाबले अलग है। एनडीए की अगुवाई कर रही बीजेपी 240 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन दो चुनाव बाद पार्टी पूर्ण बहुमत के लिए जरूरी 272 के जादुई आकंड़े से पीछे रह गई। लोकसभा में एनडीए का संख्याबल 293 है. वहीं, विपक्ष की बात करें तो कांग्रेस को 99 सीटों पर जीत मिली थी, लेकिन राहुल गांधी दो सीट से जीते थे इस लिहाज से सांसदों की संख्या 98 थी। राहुल ने वायनाड सीट छोड़ दी है. ऐसे में पार्टी की सीटें भी अब 98 हो गई हैं। कांग्रेस की अगुवाई वाले इंडिया ब्लॉक के 233 सांसद हैं. सात निर्दलीय समेत 16 अन्य भी चुनाव जीतकर संसद पहुंचे हैं।

विपक्ष को उपाध्यक्ष पद देने का कोई नियम नहीं

मोदी सरकार के लोगों का कहना है कि विपक्ष को उपाध्यक्ष पद देने का कोई नियम नहीं है. यह परंपरा है, जिसको तोड़ने की शुरुआत कांग्रेस ने की है। दूसरी लोकसभा में पंडित जवाहर लाल नेहरू सरकार के दौरान कांग्रेस के ही हुकुम सिंह को यह जिम्मेदारी दी गई थी। गठबंधन सरकार के दौरान कई बार सरकार की अगुवाई करने वाले पार्टियों ने अध्यक्ष पद सहयोगी को देते हुए उपाध्यक्ष पद अपने पास रखा है।

अब तक सर्व सम्मति से चुने गए स्पीकर

आजादी के बाद पहली लोकसभा के स्पीकर चुने गए गणेश वसुदेव मावलंकर से लेकर 17वीं लोकसभा के अध्यक्ष रहे ओम बिरला सर्व सम्मति से चुने गए है। लोकसभा में उन सांसदों को स्पीकर का पद भी दिया गया है जो पहले सत्तापक्ष से नहीं थे.12वीं लोकसभा की अध्यक्षता टीडीपी के बालयोगी ने की जबकि उस समय बीजेपी के अटल बिहारी वाजपेयी प्रधानमंत्री थे। बालयोगी 13वीं लोकसभा के अध्यक्ष के रूप में भी चुना गया था। लेकिन इसी पद पर रहते हुए उनकी हेलिकॉप्टर दुर्घटना में मौत हो गई, जिसके बाद शिवसेना सांसद मनोहर जोशी 13वीं लोकसभा के अध्यक्ष थे।

मनमोहन सिंह नेतत्व वाली पहली यूपीए सरकार को मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने बाहरी समर्थन दिया था, तब सीपीआई (एम) नेता सोमनाथ चटर्जी लोकसभा के अध्यक्ष बने थे। 2009 से 2014 तक 15वीं लोकसभा की अध्यक्ष रहीं मीरा कुमार लोकसभा अध्यक्ष का पद संभालने वाली पहली महिला थीं। उनके बाद बीजेपी की सुमित्रा महाजन 16वीं लोकसभा की अध्यक्ष बनीं थीं। देश में अभी तक स्पीकर के लिए वोटिंग की नौबत नहीं आई है।

यहां देखिए संसद सत्र की पूरी टाइमलाइन

25 जून- नव निर्वाचित सांसदों की शपथ
26 जून- लोकसभा स्पीकर का चुनाव
27 जून- संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का अभिभाषण
28 जून- संसद में मंत्रिपरिषद सदस्यों का परिचय सत्र, पीएम मोदी कराएंगे परिचय
29 जून- अवकाश
30 जून- अवकाश
1 जुलाई- राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा
2 जुलाई- पीएम मोदी बहस पर दे सकते हैं जवाब
3 जुलाई- पीएम मोदी का जवाब