God Based Education System : छात्रों के भविष्य से खिलवाड़, नदारद रहते हैं शिक्षक

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गौरेला पेण्ड्रा मरवाही। God Based Education System : गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में स्कूलों में शिक्षा भगवान भरोसे चल रही है शिक्षकों के अनुपस्थित रहने से दिन दिन भर में विद्यार्थी एक ही विषय पढ़ कर घर वापस आ रहे हैं। शिक्षकों के अभाव में भृत्य (चपरासी)  बच्चों को पढ़ा रहे हैं। वहीं शासन के आदेश का मख़ौल उड़ाते हुए रसूखदार शिक्षक शैक्षणिक कार्य छोड़ कर मलाईदार विभागों में कई वर्षों से गैर शिक्षकीय कार्य मे मस्त हैं।

शिक्षा का स्तर ऊपर उठाने के लिए केंद्र सरकार से लेकर राज्य सरकार लगातार काम कर रही हैं, योजनाएं बना रही है, बड़े बड़े फंड जारी कर रही है, पर इतनी कवायदों के बावजूद शिक्षा का स्तर लगातार गिरता चला जा रहा है। बात जिले के गौरेला विकासखंड की है जहां छात्र शिक्षकों की मनमानी की वजह से अपने भविष्य को लेकर सशंकित हैं  सारीसडोल पूर्व माध्यमिक शाला में पदस्त तीन शिक्षकों में सिर्फ एक शिक्षक ही मिला। संकुल केंद्र जोगीसार  की पूर्व माध्यमिक शाला में पांच शिक्षकों की पदस्थापना के बावजूद दो ही शिक्षक थे और चार कालखंडों में सिर्फ दो विषय विज्ञान और संस्कृत ही पढ़ाया गया।

एक रसूखदार शिक्षक का भी पता चला जो लगभग 10 वर्षों से अलग- अलग छात्रवासों में अधीक्षक का कार्य कर रहा है पहले पडवानीय में किया वर्तमान में गुरुकुल में अधीक्षक है पर स्कूल की ओर कभी नही देखा। स्कूल के प्रधानपाठक और छात्र सभी चाहते हैं  कि उक्त शिक्षक को वापस स्कूल भेजा जाए ताकि सभी विषयों की पढ़ाई सुचारू रूप से हो सके। बड़ावनडाँड़ पूर्व माध्यमिक शाला का भी हाल जान लीजिए इस स्कूल के हालात शायद शासन प्रशासन की सम्पूर्ण व्यवस्था  की आंख खोल दे।

स्कूल में तीन शिक्षक पदस्त है पर एक ही शिक्षक मिला जिस वजह से पूरे दिन में एक विषय की ही पढ़ाई हो पाई। यहां भी एक रसूखदार शिक्षक का पता चला जिनका नाम अजीत लहरी है। स्कूल के शिक्षक पीताम्बर सिंह बताते हैं कि 18 सितंबर 2017 को स्कूल में पदस्थापित होने के बाद सिर्फ कुछ माह पढ़ाने के बाद से श्रीमान हॉस्टल में पदस्थ है तब से स्कूल की ओर मुड़ कर नही देखा। अव्यवस्थाओ की जानकारी जब हमने गौरेला के विकासखंड शिक्षा अधिकारी को दी तो उन्होंने सीएसी (CAC) से जानकारी लेने के बाद शिक्षकों पर कार्रवाई की बात कही है।