Holi Tihar: Gulal being prepared from the flowers of Spinach-Red Bhaji-Palash...
Holi Tihar
कोरबा। Holi Tihar : कोरबा जिले में राष्ट्रीय आजीविका मिशन बिहान, के स्वसहायता समूह की दीदीयॉं रंगो के पर्व होली के लिये पालक लाल भाजी और पलाश के फूलों से गुलाल तैयार कर रही हैं। रासायनिक पदार्थों से मुक्त ये हर्बल गुलाल जहॉं स्वास्थ्य की दृष्टि से अनुकुल है वहीं इस तैयार गुलाल से समूह की महिलाओं को 44 हजार रूपये का सीधा लाभ मिलेगा।
संजीव झा कलेक्टर कोरबा द्वारा राष्ट्रीय आजीविका मिशन एवं ग्राम सुराजी योजना के तहत् ग्रामीण महिलाओं के आजीविका संर्वधन हेतु नित नये प्रयास किये जा रहे है। इसी कडी में जनपद पंचायत कटघोरा के जननी संकुल संगठन धवईपुर के द्वारा समूह की महिलाओं को रसायन मुक्त  गुलाल बनाने का प्रशिक्षण दिया गया है।
नूतन कंवर सी.ई.ओ.जिला पंचायत ने बताया की जनपद पंचायत पोडीउपरोडा के तुलसी स्व-सहायता महिला समूह, कैलाश स्व-सहायता महिला समूह एवं सरस्वती स्व-सहायता महिला समूह द्वारा पॉंच क्ंिवटल एवं जनपद पंचायत कटघोरा के जननी संकुल संगठन धवईपुर के द्वारा 6 क्ंिवटल कुल 11 क्ंिवटल गुलाल तैयार किया जा रहा है। होली त्यौहार पर  यह हर्बल गुलाल स्थानीय बाजारों, सी-मार्ट, आउटलेट, ग्राम संकुल संगठन के माध्यम से बिक्री किया जायेगा जिसका सीधा आर्थिक लाभ ग्रामीण महिलाओं को मिलेगा।
इस संबंध में जननी संकुल संगठन धवईपुर की अध्यक्ष ललिता बिंझवार ने बताया कि यह हर्बल एवं प्राकृतिक  गुलाल प्रति कि.ग्राम तैयार करने में 60रू.की लागत आती है और इसे हम बाजार में 100रू. प्रति किलों की दर से बेचते हैं जिससे प्रति किलों 40रू. का सीधा मुनाफा होता है। इस प्रकार कुल 11 क्ंिवटल गुलाल की बिक्री पर महिलाओं को सीधे 44 हजार रूपये की लाभ मिलेगा। उन्होने बताया कि आजिविका मिशन के तहत् हर्बल गुलाल बनाने के लिए सब्जियों के प्राकृतिक रंगों से रंगकर और उसमें गुलाब गेंदा, पलाश के फूलों की पंखुडियों, गुलाब जल, इत्र आदि मिलाकर हर्बल गुलाल बनाया जा रहा है।
पलाश के फूलों से केसरिया गुलाल, पालक भाजी से हरे रंग का गुलाल तथा लाल भाजी से लाल रंग का गुलाल तैयार किया जा रहा है। इस गुलाल में रासायनिक पदार्थों का उपयोग नही होने से यह गुलाल त्वचा, ऑंख, बाल आदि के लिये हानिकारक नही है। मानव अनुकुल होने से इस हर्बल गुलाल को बिना किसी चिन्ता के होली के त्यौहार में उपयोग किया जा सकता है।