कोरबा। आजादी की लड़ाई लड़ने वाली पार्टी संबोधित कर कभी कांग्रेस प्रवेश करने वाले पूर्व ब्यूरोक्रेट आरपीएस त्यागी ने ऐन चुनाव के पहले भाजपा का दामन थाम लिया। अपने नए करियर की पहली पंचवर्षीय में ही उन्होंने दल-बदल की सियासत सीख ली। अफसर से नेता बने त्यागी अब खुद अपनी आईएएस जमात के लिए नीमचढ़े का किरदार निभा रहे हैं। बीते दिनों सामने आए उनके एक बयान ने तब सुर्खियां बटोरी, जब उन्होंने आईएएस महकने के दो अधिकारियों को कांग्रेस शासन की छत्रछाया में भ्रष्टाचार को बढ़ावा देने की बात करते हुए भाजपा सरकार आने पर जांच बैठाने का दावा कर डाला। प्रशासन की बागडोर संभालने के अपने वर्षों के तजुर्बे से नई पीढ़ी को सींचने की राजनयिक सीख बाटने की बजाय उनका यह राजनीतिक रंग अचंभित कर रहा है। भाजपा नेता व पूर्व आईएएस अधिकारी आरपीएस त्यागी ने अपने बयान में जिले के पूर्व कलेक्टरों के बहाने कांग्रेस सरकार पर शब्दों के बाण चलाए हुए कहा कि वे परिवर्तन की संभावना देख रहे हैं। प्रदेश में भ्रष्टाचार चरम पर है और ब्यूरोक्रेसी नाम की चीज नहीं रह गई है। कोरबा में दो महिला कलेक्टर भेजी गई, जिनमें से एक जेल चली गई और दूसरी जाने की तैयारी में है। इस पूरे मामले में सिस्टम की लापरवाही है। श्री त्यागी पाली-तानाखार भाजपा प्रत्याशी रामदयाल उइके के समर्थन में नामांकन दाखिल करने पहुंचे थे।