कोरबा। ऊर्जानगरी कोरबा समेत प्रदेशभर के 70 साहित्यकारों के योगदान से एक ऐसा दर्शन ग्रंथ तैयार किया गया है, जिसमें छत्तीसगढ़ की संस्कृति और इतिहास भी संपूर्ण झलक देखी जा सकती है। ग्रंथ में शामिल विषय सामग्री का महत्व ऐसा कि उसे गोल्डन बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड से नवाजते हुए अवार्ड प्रदान किया गया है। प्रदेश की राजधानी में आयोजित एक समारोह में गोल्डन बुक में नाम दर्ज करने के साथ सभी साहित्यकारों को सम्मानित भी किया गया है।
इस संपूर्ण छत्तीसगढ़ दर्शन ग्रंथ में छंदमयी साहित्यों से सुसज्जित विशाल साझा संकलन देखा जा सकता है। छत्तीसगढ़ सम्पूर्ण दर्शन को गोल्डन बुक आॅफ वर्ल्ड रिकॉर्ड से नवाजा गया है। रायपुर में आयोजित एक समारोह में गोल्डन बुक आफ वर्ल्ड रिकार्ड संस्था ने ग्रंथ के रचनाकारों को यह अवार्ड प्रदान किया। यह अवार्ड मंच पर उपस्थित होकर ग्रंथ रचना में अपना योगदान देने वाले 70 साहित्यकारों ने प्राप्त किया और संस्था की ओर से उन्हें सम्मानित किया गया।
गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकार्ड की ओर से डा. सोनल राजेश शर्मा ने कहा कि यह अनमोल संग्रह होने के कारण ही गोल्डन बुक में जगह बना सकी। कार्यक्रम में उपस्थित साहित्यकारों ने अपनी रचना जा पाठ कर सब का मन मोह लिया। बिलासा साहित्य संगीत धारा व छत्तीसगढ़ स्वाभिमान संस्थान के संयुक्त तत्वाधान में छत्तीसगढ़ संपूर्ण दर्शन पुस्तक का विमोचन भव्यता व गरिमा के साथ प्रांत की राजधानी रायपुर में आयोजित किया गया। ग्रंथ विमोचन कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संस्कृत विद पूर्व सांसद अनुसूचित जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष संस्कृत बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष सरगुजा अनुसूचित जनजाति के सशक्त हस्ताक्षर डॉ. नंद कुमार साय रहे। अध्यक्षता गौ सेवा आयोग के अध्यक्ष दुधाधारी मठ के महंत पूर्व विधायक महंत रामसुंदर दास ने की। कार्यक्रम का शुभारंभ अतिथियों ने मां सरस्वती, छत्तीसगढ़ महतारी के चित्र के समक्ष दीप प्रज्ज्वलन, माल्यर्पण व श्रीमती आशा आजाद की सरस्वती वंदना के साथ हुआ। श्रीमती सुधा देवांगन, आरती मेहर ने स्वागत गीत प्रस्तुत किया। इस ग्रंथ में 72 साहित्यकारों ने योगदान दिया, जिनमें मुख्य रूप से सुकमोती चौहान, आशा आजाद, माधुरी डड़सेना, डां.उदयभान सिंह चौहान, गुलशन खम्हारी, तेजराम नायक, तेरस कैवर्त्य, अजय पटनायक, मनिलाल पटेल, गीता विश्वकर्मा नेह, धनेश्वरी देवांगन, राजकुमार छापड़िया, गायत्री शर्मा, मनोरमा चंद्रा, प्रियंका गुप्ता, चंद्रकांत खुंटे, डिजेंद्र कुर्रे, परशुराम चौहान, मूलचंद आजाद दिक्षा चौबे, गजेन्द्र हरिहारनो,भागवत निषाद, योगिता चौरसिया, नीरामणी,शिवकुमार श्रीवास ,पदमा साहू, ओंकार साहू समेत अन्य शामिल हैं। कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजभाषा आयोग के पूर्व अध्यक्ष विनय कुमार पाठक, राजभाषा आयोग के सचिव डा.अनिल भतपहरी, गोल्डन बुक आॅफ वर्ल्ड रिकार्ड के संवाद प्रमुख डा. सोनल राजेश शर्मा, वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. माणिक विश्वकर्मा नवरंग, डॉ.स्नेहलता पाठक रहे।
शिक्षा की दृष्टि से उत्कृष्ट, रिसर्च स्कॉलर होंगे लाभांन्वित
यह संपूर्ण दर्शन ग्रंथ एक विशाल छंदमयी साझा संकलन है, जिसमें 1007 पृष्ठ हैं। ग्रंथ में छत्तीसगढ़ के 72 विषयों के साथ 117 प्रकार के छंदों में विषयों को छंदबद्ध किया गया है। इसकी संपादक श्रीमती सुकमोती चौहान रुचि, श्रीमती आशा आजाद कृति और सुश्री माधुरी डड़सेना मुदिता हैं। यह अनमोल ग्रंथ छत्तीसगढ़ के लिए एक वरदान सिद्ध होगा। शिक्षा की दृष्टि से छात्र-छात्राएं इसका अध्ययन कर लाभान्वित होंगे। इस अवसर पर श्रेष्ठ रचनाकारों की 13 पुस्तकों व साहित्यिक कृतियों का विमोचन भी किया गया।