रायपुर। Indira Bank Scam: छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के भाजपा शासनकाल में हुए बहुचर्चित इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटला में जांच के लिए हाई कोर्ट से अनुमति मिल गई है। कोर्ट ने इस मामले की फिर से जांच करने की अनुमति दे दी है। यह जानकारी स्वयं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने ट्वीट करके दी है।
बघेल ने ट्वीट किया है कि माननीय न्यायालय ने जनता की गाढ़ी कमाई के पैसों के गबन के प्रियदर्शिनी बैंक घोटाले की जांच की अनुमति दे दी है। नार्को टेस्ट में प्रमुख अभियुक्तों में से एक उमेश सिन्हा ने बताया था कि उसने तत्कालीन मुख्यमंत्री रमन सिंह और उनके मंत्रियों सहित कई भाजपा नेताओं को करोड़ों रुपए दिए थे। बैंक संचालकों सहित कई अन्य लोगों को भी पैसे दिए गए। भ्रष्टाचार उजागर होना चाहिए। दोषियों को सजा मिलनी ही चाहिए।
0-क्या है इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक घोटला
रायपुर स्थित सहकारी बैंक इंदिरा प्रियदर्शिनी बैंक में 2006 में यह घोटला सामने आया था। करीब 28 करोड़ रुपए के इस घोटाले में बैंक मैनेजर सहित संचालक मंडल के सदस्यों जिनमें ज्यादार महिलाएं शामिल थी। उन्हें आरोपी बनाया गया था। इसमें तत्कालीन सरकार के मंत्रियों और कुछ अफसरों का भी नाम आया था।
माननीय उच्च न्यायालय* को माननीय न्यायालय पढ़ा जाए.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 21, 2023
0- इस वजह से कोर्ट गई थी सरकार
बताया जा रहा है कि पिछली सरकार के कार्यकाल में जब पुलिस ने इस मामले की चार्जशीट कोर्ट में पेश की तो उसमें नार्को टेस्ट का जिक्र ही नहीं किया था। जबकि इस टेस्ट में कई बड़े नामों का जिक्र था। इसी वजह से राज्य में सत्ता बदलने के बाद सरकार ने मामले की फिर से जांच करने की कोर्ट से अनुमति मांगी थी। अब हाईकोर्ट मामले की फिर से जांच करने की अनुमति प्रदान कर दी है।