कोरबा। Investigation : टीपीनगर के कर्मिशियल काम्पलेक्स में घटे अग्निकांड की घटना में सबसे बड़ी वजह सामने आई थी कि निगम ने जो काम्पलेक्स तैयार किया था कुछ व्यापारियों ने इसका मूल स्वरूप बदल दिया था। इसे देखते हुए अब आयुक्त ने निगम के सभी काम्पलेक्सों के स्वरूप की जांच करने का आदेश दिया है। गौरतलब है कि निगम ने साडा कार्यकाल में सबसे अधिक काम्पलेक्सों का निर्माण किया, लेकिन ज्यादातर व्यापारियों ने दुकान का स्वरूप बदल दिया। निगम के डिजाइन में जहां खिड़की थी उसे बंद कर दिया गया। दरवाजे को दूसरी ओर से खोल दिया गया। पैदल चलने के लिए बनाए गए गैलरी में अतिक्रमण कर दुकान के आकार को बढ़ा लिया गया है। आयुक्त ने टीम मेें सहायक अभियंता वी के रिछारिया, अतिक्रमण प्रभारी योगेश राठौर, संपदा शाखा प्रभारी अशोक बनाफर को शामिल किया है।
संपदा शाखा के कई पूर्व प्रभारी ही नियम विरुद्ध अनुमति देते रहे
संपदा शाखा में इससे पहले कई ऐसे अधिकारी बैठे जिनके द्वारा नियम विरुद्ध अनुमति जारी करते रहे। अनुमति देेने के पीछे एक मात्र यही तर्क दिया जाता रहा कि इससे निगम को आय होगी। इसकी आड़ मेें दुकानों के पीछे पार्किंग में एक्सटेंशन की अनुमति दी गई। निहारिका के आयकर भवन वाले काम्पलेक्स की छत में रेस्टारेंट की अनुमति जारी कर दी गई।
कई व्यापारियों ने नियम विरुद्ध स्वरूप बदला
कई व्यापारी ऐसे भी हैं जिनके द्वारा निगम के भवन का पूरी तरह से स्वरूप बदल दिया है। एक मिष्ठान भंडार का जिस तरह से स्वरूप बदला है उसकी चर्चा निगम में भी है। मरम्मत व रिनोवेशन की ही अनुमति ली गई थी। रिनोवशन के नाम पर स्वरूप बदलना नियम विरूद्ध है।
इन बिंदुओं पर होगी जांच
आयुक्त ने तीन बिंदुओं में जांच करने कहा है। काम्पलेक्स, दुकानों का स्वरूप, आवागमन हेतु गैलरी व खिड़की का स्वरूप व फायर सेफ्टी की उपलब्धता पर जांच होगी। इन बिंदुओं में कमियां मिलने पर व्यापारी को नोटिस जारी कर 15 दिन की मोहलत दी जाएगी। इसके बाद कार्रवाई होगी।