बिहार। ‘Jugaad’ in the hospital :सरकार स्वास्थ्य व्यवस्था को बेहतर करने के कई दावे कर रही है. स्वास्थ्य मंत्री सह उपमुख्यमंत्री के द्वारा मिशन 60 तथा मिशन क्वालिटी सहित अन्य योजनाएं चलाई जा रही हैं. इसके बावजूद जमुई की स्वास्थ्य व्यवस्था बेपटरी है. वैसे तो सदर अस्पताल अक्सर चिकित्सकों के गायब रहने तथा स्वास्थ्य कर्मियों की मनमानी के लिए चर्चा में बना रहता है. लेकिन इस बार यहां गजब हुआ.
अस्पताल के स्वास्थ्य कर्मियों ने लापरवाही की हद पार कर दी. दुर्घटना में घायल एक मरीज को यूरिन बैग की जगह कोल्ड ड्रिंक की बोतल लगा दी. दरअसल, झाझा रेल पुलिस के द्वारा ट्रेन से गिरकर घायल हुए एक अज्ञात व्यक्ति को इलाज के लिए सदर अस्पताल में भर्ती कराया गया. इलाज के दौरान चिकित्सक ने मरीज को यूरिन बैग लगाने का निर्देश कर्मियों को दिए, लेकिन यूरिन बैग उपलब्ध नहीं था.
यूरिनल बैग की जगह कोल्ड ड्रिंक का प्रयोग
मरीज पूरी रात बिस्तर पर करवटें बदलता रहा. देर रात जब अस्पताल प्रबंधक को फोन किया गया तो उन्होंने फोन नहीं उठाया. मंगलवार (8 अगस्त) सुबह जब उन्हें इस बात की जानकारी हुई तो आनन-फानन में यूरिनल बैग और अन्य जरूरी दवाओं की आपूर्ति की गई। आपको बता दें कि इससे पहले भी आपातकाल के हालात कमोबेश ऐसे ही बने रहे हैं.
माना जाता है कि कभी टिटनेस, कभी एनएस और आरएल तो कभी सांप काटने के बाद इस्तेमाल की जाने वाली सूई भी नहीं मिलती. विभिन्न दवाएं स्टॉक में उपलब्ध नहीं हैं. कई बार मरीजों को ये सारी दवाएं बाहर से खरीदनी पड़ती थीं. इसके बावजूद अस्पताल प्रबंधक पूरी तरह से लापरवाह बने हुए हैं.
अस्पताल प्रबंधक ने क्या कहा?
इस पूरे मामले में सदर अस्पताल प्रबंधक रमेश कुमार पांडे ने बताया कि जैसे ही मुझे जानकारी मिली कि यूरिनल बैग नहीं है तो इसकी व्यवस्था करायी गयी. स्टोर प्रभारी का पैर फ्रैक्चर हो गया है, जिससे मुझे दवा खत्म होने की जानकारी नहीं मिली. दवा की जो भी कमी थी, वह पूरी कर दी गयी है. भविष्य में ऐसी स्थिति उत्पन्न न हो इसके लिए संबंधित स्वास्थ्य कर्मियों को सख्त निर्देश दिये गये हैं.