Korba : कराटे सिखा रहे या फिर योजना का मजाक बना रहे हैं, ब्लू बेल्ट-यलो बेल्ट और ग्रीन वाले दे रहे स्कूलों में ट्रेनिंग

0
202

0 समग्र शिक्षा अंतर्गत रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण का हाल, खुद अप्रशिक्षित होकर बालिकाओं को सिखाने लगा दिया स्कूलों में

कोरबा। इन दिनों स्कूलों में छात्राओं को कराटे प्रशिक्षण का ड्रामा किया जा रहा है। इस महत्वपूर्ण योजना को ड्रामा कहना इसलिए पड़ रहा है क्योंकि प्रशिक्षण देने वाले खुद ही अप्रशिक्षित हैं। जब ट्रेनिंग देने वालों के पास ही योग्यता नहीं हैं तो फिर भला बालिकाएं कैसे योग्य बन सकेंगी। इस तरह शासन से मिली राशि का सही उपयोग होने की बजाय एक बार फिर बंदरबांट का खेल होता महसूस हो रहा है।

मिशन संचालक समग्र शिक्षा की ओर से 7 दिसंबर को ही रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण कार्यक्रम के तहत जिला स्तरीय समिति के माध्यम से विद्यालयवार प्रशिक्षकों की सूची जारी की गई है। स्वामी आत्मानंद आदर्श विद्यालय, शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला, हाई और हायर सेकेण्डरी स्कूल समेत कुल
683 स्कूलों के लिए बड़ी संख्या में प्रशिक्षकों के नाम समेत उन्हें कहां कहां प्रशिक्षण देना है, उसकी सूची भी जारी की गई है।
प्राचार्य और प्रधानपाठकों को ट्रेनिंग के संबंध में विस्तृत दिशा निर्देश भी दे दिए गए हैं। सूची में प्रशिक्षकों के नाम के साथ उनकी योग्यता और प्रशिक्षण देने का अनुभव भी दर्ज है। इस पर गौर करें तो स्पष्ट होगा कि उन्हें आत्मरक्षा की ट्रेनिंग देने का कोई वांछित अनुभव ही नही है। इनमें ज्यादातर प्रशिक्षक यलो बेल्ट, ग्रीन बेल्ट और ब्लू बेल्ट धारक हैं। किसी एक साल, किसी ने दो साल तो कई ने तो सिर्फ 6 माह का प्रशिक्षण अनुभव होना बताया है। पर सवाल यह उठता है कि जब वे खुद इस योग्य नहीं थे, तो उन्हें पात्र मानकर क्यों यह अहम जिम्मेदारी दे दी गई। इस तरह से तो सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है, जिसका बालिकाओं को किसी प्रकार का उचित लाभ मिलने की बजाय सरकारी राशि की बरबादी मात्र होगी।

मिशन 15 हजार…उड़ती खबर तो ऐसी भी है

राज्य परियोजना कार्यालय, समग्र शिक्षा, छत्तीसगढ़ के आदेश के परिपालन में कोरबा जिला अन्तर्गत संचालित शासकीय स्कूलों में अध्ययनरत बालिकाओं को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण योजना अन्तर्गत प्रशिक्षण देने के लिए प्रशिक्षकों का चयन जिला स्तरीय चयन समिति द्वारा किया गया है। ये प्रशिक्षक राज्य कार्यालय से प्राप्त दिशा निर्देशों के अधीन आपके विद्यालय में अध्ययनरत बालिकाओं को प्रशिक्षण प्रदान करेंगे। प्रशिक्षण के संबंध में आवश्यक दिशा निर्देश के अनुसार प्रत्येक स्कूल के लिए प्रशिक्षकों के भुगतान के लिए 15 हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं। यह राशि स्कूलों को जारी भी की जा चुकी है। उड़ती खबर यह है कि इस 15 हजार रुपए की बंदरबांट का खेल करने ही अप्रशिक्षित लोगों को प्रशिक्षण की जिम्मेदारी दे दी गई है। बताया जा रहा है कि इस 15 हजार के मेहनताने में सिर्फ 4 से 5 हजार रुपए दिए जाने की शर्त पर सहर्ष तैयार हुए भोले भाले युवकों को रख लिया गया है और इसके जिम्मेदार अफसर शेष रकम अपनी जेब चमकाने की फिराक में हैं।

 

रानी आत्मरक्षा प्रशिक्षण 2023 24