KORBA: गुरू ने सत को खोजा इसलिए सतखोजी कहलाए -पूर्व विधायक ..आदर्श नगर कुसमुंडा में सतनामी कल्याण समिति का 2 दिवसीय गुरूपर्व का समापन…

287

कोरबा। सतनामी कल्याण समिति कुसमुंडा के मुख्य अतिथि पूर्व विधायक दाऊराम रत्नाकर ने कहा कि गुरू की जयंती मनाना खुशी का अवसर होता है। प्रदेश सहित देश के कोने-कोने में रहने वाले लोग गुरू को याद कर खुशी का इजहार करते हैं। गुरू घासीदास ने अंधविश्वास एवं पाखंड को दूर किया। गुरू ने सत को खोजने का काम किया इसलिए लोग उन्हें सतखोजी बाबा कहते है।

 


सतनामी कल्याण समिति कुसमुंडा द्वारा आदर्श नगर में आयोजित 2 दिवसीय गुरूपर्व आयोजन के समापन अवसर पर मुख्य अतिथि दाऊराम रत्नाकर ने कहा कि 266 साल पहले गुरू का जन्म हुआ तो उस समय समाज में जातिवाद हावी था। आज भी देश में जातिवाद हावी है। संसार में लोग एक बराबर है इसलिए गुरू ने कहा कि मनखे-मनखे एक समान हो गए है। कार्यक्रम के अध्यक्ष यूआर महिलांगे ने कहा कि गुरू ने सबको सत्य के मार्ग पर चलने का रास्ता दिखाया है। गुरू पर्व में एकता का परिचय देते हुए सभी को आत्मसात करने की आवश्यकता है।

प्रगतिशील सतनामी समाज रायपुर के पूर्व अध्यक्ष एलएल कोशले ने कहा कि सामाजिक समरसता का भाव की सत को पैदा करता है। अच्छे विचार ही मानव की पहचान को दर्शाता है। जहां सत है वहां सतनाम को खोजने की जरूरत नहीं है।

सभी अतिथियों ने जैतखाम पर पूजा-अर्चना कर गुरू घासीदास के छायाचित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्वलन कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। कार्यक्रम में गोकुल भारती, एडी जोशी, आरडी भारद्वाज, दूजराम जाटवर, थाना प्रभारी राजेश जांगड़े, नारायण कुर्रे, आरपी खाण्डे, केपी पाटले, श्रीमती सुनीता पाटले, श्रीमती सुक्रिता कुर्रे, सुनील पाटले, दिलीप मिरी, रमेश जाटवर सहित बड़ी संख्या में समाज के लोग उपस्थित थे। मंच संचालन सुरेन्द्र खूंटे और आभार प्रदर्शन अध्यक्ष विरेन्द्र टंडन ने किया।