कोरबा। पटवारी ऑफिस के कंप्यूटर ऑपरेटर से सांठगांठ कर जमीन फर्जीवाड़े के गंभीर प्रकरण में सख्त कदम उठाते हुए दलालो पर शिकंजा कस दिया है। सूत्र बताते है कि जांच रिपोर्ट के बाद जमीनों की हेराफेरी में शामिल भू-माफियाओं पर एफआईआर दर्ज होगा। प्रशासन की कड़ी कार्यवाही से जमीन दलालो में हड़कंप मच गया है।
बता दें कि बेशकीमती सरकारी और आदिवासी जमीनों को निजी बनाकर बेचने वाले भू-माफियाओं पर नकेल कसने की तैयारी हो रही है। शिकायत के बाद हो रही जांच में कई चौकाने वाले अन्य प्रकरणों के भी उजागर होने की आशंका है। बताते चले कि पटवारी जांच रिपोर्ट के बाद दोषियों पर बड़ी कार्रवाई के संकेत मिल रहे है। प्रशासनिक कार्रवाई की सुगबुगाहट के बाद जमीन दलाल शहर छोड़ने की तैयारी में है।
ये है मामला
डीडीएम रोड में खसरा नम्बर 670/4 की आदिवासी भूमि को सामान्य बनाकर ऊंचे कीमतों पर बिक्री किया गया है। इसी तरह खसरा नम्बर 669 की जमीन को बिना रजिस्ट्री के नामान्तरण करा लिया गया है । यही नही शारदा विहार के समीप खसरा नम्बर 348 की सीएसईबी की जमीन को निजी बनाकर बेचा गया है। सूत्र बताते है कि खसरा नम्बर 302/2/घ के जमीन को टुकड़ा में बांटकर 6 फर्जी रजिस्ट्री को गई है। व्यापक स्तर पर हुए जमीन फर्जीवाड़ा में बस्ती के एक जमीन दलाल का नाम सुर्खियों में है।
ऑपरेटर और भूमाफिया की करतूत
राजस्व विभाग के डिजिटाइजेशन का लाभ पटवारी ऑफिस के कम्प्यूटर ऑपरेटर बखूबी उठा रहे है। शहर में हुए जमीन फर्जीवाड़े में पूर्व कम्प्यूटर ऑपरेटर की भूमिका संदिग्ध है। हालांकि ये कम्यूटर ऑपरेटर अनधिकृत रूप से पटवारी का काम करते है और यही कारण है वे मौका का फायदा उठाकर दलालो के साथ मिलकर शहर के बेशकीमती जमीन की अफरा तफरी कर रहे है।
कोरबा शहर के कुछ जमीनों की गलत तरीके से बिक्री और नामान्तरण की शिकायत मिली थी। शिकायत के आधार पर जांच की जा रही है। जल्द ही दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी।
श्रीमती सीमा पात्रे , एसडीएम कोरबा