लकोरबा। सघन जांच और तगड़ी कार्रवाई जारी रही तो महुआ में भाव टूटने की आशंका बन रही है। डिस्टलरियों की खरीदी तो है लेकिन बेहद सीमित है। रही बात पशु आहार उद्योगों की, तो मांग निकलने की संभावना व्यक्त कर रहे हैं महुआ कारोबारी।
नई फसल में फिलहाल तीन माह का लंबा वक्त है लेकिन बाजार जैसा चल रहा है, उसे देखते हुए कारोबारी बेहतरी की संभावना वाला नहीं मान रहे हैं क्योंकि कड़ी जांच और कार्रवाई चल रही है। इसलिए भाव स्थिर बने हुए हैं। यह नई फसल की आवक शुरू होने के बाद भी बने रहने की आशंका है।
सांसत में कारोबार
महुआ संग्राहक और अंतरप्रांतीय कारोबार। यह दोनों संकट का सामना कर रहे हैं क्योंकि प्रदेश में कड़ी जांच चल रही है। इसलिए संग्राहक अपने पास भंडारित उपज, बाजार तक ला नहीं पा रहे हैं। दूसरी तरफ डिस्टलरियां इसलिए परेशान हैं क्योंकि उत्पादन के अनुपात में उत्पादित सामग्री का उठाव धीमा है। इसलिए परिस्थितियों पर नजर रखी जा रही है। ऐसे में महुआ की कीमत स्थिर है।
रिकॉर्ड भंडारण
अच्छी मांग की आस में महुआ के थोक कारोबारियों ने बीते बरस खूब खरीदी की थी। छिटपुट मांग के बीच लगभग 20 हजार टन का बंपर स्टॉक, प्रदेश में अच्छे दिन की प्रतीक्षा कर रहा है लेकिन स्थितियां फिलहाल प्रतिकूल बनती नजर आ रहीं हैं। ऐसे में गुणवत्ता पर भी दुष्प्रभाव देखने में आ सकता है। अगर ऐसा हुआ तो कीमत और नीचे जा सकती है।
नीचे 2500, ऊपर 3300
कमजोर लिवाली के बाद इस समय गुणवत्ता युक्त महुआ 3300 रुपए क्विंटल और औसत दर्जे के महुआ में भाव 2500 रुपए क्विंटल बोले जा रहें हैं। तेजी की संभावना नजर नहीं आ रही है जबकि मंदी की आशंका लगातार व्यक्त की जा रही है।
कारोबारी माहौल शांत
महुआ में कारोबारी माहौल बेहद शांत है। उठाव सीमित है। ऐसे में भाव नीचे जाने की आशंका है।
– सुभाष अग्रवाल, एसपी इंडस्ट्रीज, रायपुर
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