Korba : विद्युतकर्मियों को करंट: निर्देश के बाद भी नहीं बढ़ाई बिजली के तारों की ऊंचाई,अब होगी कार्रवाई…

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कोरबा। बीते दिनों जंगल में विचरण कर रहे एक हाथी की जान करंट की चपेट में आ जाने से चली गई। इसके पीछे की सही वजह की तालाश करते यह बात सामने आ रही है कि हाथी की कद काठी के विपरीत बिजली का तार नीचे क्यों रह गया, जबकि विद्युत विभाग को तारों की ऊंचाई बढ़ाने के निर्देश दिए गए थे। सुरक्षा के मद्देनजर दिए गए इस इस निर्देश की अनदेखी बेजुबान वन्य प्राणी की जिंदगी पर भारी पड़ गया। लिहाजा अब तक की जांच में इस हादसे के लिए उन कर्मियों को जिम्मेदार ठहराया जा रहा, जिन्होंने निर्देश की नाफरमानी की। अब उन लापरवाह विद्युतकर्मियों पर वन विभाग कार्रवाई का करंट प्रवाहित करने की तैयारी में दिख रहा है।

बेवक्त हुई दंतैल की मौत का यह मामला कटघोरा वनमंडल अंतर्गत पसान रेंज के पनगंवा में हुआ। हाथी के मौत पर बैठाई गई जांच की प्रक्रिया तेज कर दी गई है। इस घटना के पीछे विद्युत वितरण विभाग अधिकारियों की लापरवाही सामने आई है। दरअसल इस तरह की संभावित घटनाओं की रोकथाम के लिए पूर्व में ही वन विभाग की ओर से बिजली कंपनी को सूचित कर दिया गया था। इसमें कहा गया था कि हाथी विचरण वाले कई ऐसे वन्य क्षेत्र, जहां से बिजली की हाई टेंशन लाइन काफी नीचे से गुजरी है। वहां के तार इतने कम ऊंचाई पर हैं, कि उसके नीचे से पार होते समय हाथी करंट की चपेट में आ सकते हैं। इसलिए उनकी ऊंचाई बढ़ा दी जाए, यह बात लिखते हुए वन विभाग ने विद्युत अधिकारियों को पत्राचार किया था। विधिवत अनुमति भी मिल चुकी थी, लेकिन इस निर्देश का पालन सुनिश्चित करने की जिम्मेदारी उठाने वाले विद्युत अफसर ही लापरवाह निकले। समय गुजरता चला गया, लेकिन तारों की ऊंचाई बढ़ाने की प्रक्रिया उन्हीं खंबो के साथ लटकी रही, जिसके नीचे से गुजरता दंतैल अपनी जान गंवा बैठा। इस लापरवाही के जिम्मेदार कर्मियों के विरुद्ध वन प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत कार्रवाई की तैयारी में वन विभाग जुट गए है, जिससे विद्युत वितरण विभाग में मचा हड़कंप मचा हुआ है। उल्लेखनीय होगा कि हाथी प्रभावित कोरबा जिले के दोनों वनमंडलों में लगातार घटनाएं हो रही है। दूसरी ओर हाथियों की सुरक्षा को लेकर अब जिम्मेदार अफसरों की यह लापरवाही उनकी अपनी मुश्किलों का कारण बनती दिख रही है।