Korba: अब फिर से DEO ने पदांकन के लिए काउंसलिंग आदेश किया जारी.. प्रमोशन से पोस्टिंग का खेल शिक्षा विभाग को पड़ रहा भारी…

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कोरबा। डीईओ ने एक बार फिर पदांकन के लिए काउंसलिंग कराने का आदेश जारी किया है। कभी काउंसलिंग और कभी निरस्त का आदेश अब विभाग पर भारी पड़ रहा है।हालांकि फिर से आदेश जारी होते ही मनचाहे पोस्टिंग पाने वाले गुरुजी कोर्ट का दरवाजा खटखटाने की तैयारी में है।

बता दें कि शिक्षा विभाग का प्रमोशन से पोस्टिंग का खेल अब सोने की अंडा देने वाली मुर्गी बन गई है।नजराना लेकर कायदे को फायदे में तब्दील करने वाले शिक्षा विभाग अधिकारी पहले पोस्टिंग कर दिए फिर लोगो को कोर्ट भेज दिये। मतलब चिट भी हमारी पट भी हमारी और अंटा मेरे…! शिक्षकों की पोस्टिंग से नाराज शिक्षको का काफिला जब दबाव बनाने लगा तो डीईओ का सिंहासन हिलने लगा। सिंहासन डगमगाता देख साहब ने शिक्षको को उलझाने का तरीका ईजाद किया। जिससे खतरा कुछ दिन के लिए टल जाए और पोस्टिंग का मामला आपस मे उलझकर रह जाए।

 

 

नजराना देने वालो को मिली छूट

शिक्षा विभाग के गोपनीय सूत्रों की माने तो विभाग में बैठे कारोबारी नुमा अधिकारी नजराना देकर पोस्टिंग कराने वाले शिक्षकों को इस काउंसलिंग से अलग रखा गया है। जिनकी संख्या लगभग 150 से 200 होगी। (उनका भी पदांकन DPI के 07/04/2022 को जारी नियमो के विपरीत की गई)अब बात बचे बाकी शिक्षकों की तो उनके लिए काउंसलिंग का कॉन्सेप्ट है(जबकि माननीय उच्च न्यायालय के द्वारा काउंसिलिंग करने हेतु निर्देश ही नही दिया है और स्पष्ट कहा है कि 07/02/2022 के DPI के आदेशानुसार पदांकन किया जाये )जिन्हें नियमो के डंडे से हांकने की तैयारी की जा रही है।

 

जो गए थे कोर्ट वो फंसे असमंज में

 

जुगाड़ जंतर और मंतर से पोस्टिंग पाने वाले शिक्षक अब असमंजस में फस गए है। क्योंकि पोस्टिंग के लिए कोर्ट गए स्टे मिला अब स्टे निरस्त कर दिया गया है। तो चार महीने मनमाफिक ड्यूटी करने वाले लगभग 500 शिक्षक असमंजस में फंस गए। उन्हें नए काउंसलिंग में ये डर सताने लगा है कि उनकी पोस्टिंग आउटर में होगी और अगर फिर उसी जगह में पदांकन कराना तो नजराना देना पड़ेगा। ऐसे शिक्षको की स्थित एक तरफ कुंआ दूसरे तरफ खाई की हो गई है।