0 सूरज सिर पर होगा और दोपहर 12 बजे तक पीक में होगी हार-जीत की धुकधुकी
कोरबा। पार्टी का टिकट जीतने से लेकर जनता का दिल जीतने तक की लड़ाई का अल्पविराम पहले ही लग चुका था। अब बारी है चुनाव रण जीतने की एक और उस ऐतिहासिक घड़ी की, जब विजेता का नाम सदा के लिए इतिहास के पन्नों पर दर्ज हो जाएगा। कोरबा में चार विधानसभा सीटों पर काबिज होने वाले भावी विधायकों की किस्मत का फैसला इस रविवार सबके सामने होगा। अब सिर्फ चौबीस घंटे शेष हैं, जब जनता-जनार्दन की मंशा स्पष्ट होने के साथ ही वे चार चेहरे सामने होंगे, जिनके सिर पर ताज सजाया जाएगा, तो शेष के लिए समर्थकों पर चुनावी बिसात पर मिलने वाली शिकस्त को सहने के बंदोबस्त की नई जिम्मेदारी आएगी।
रविवार सुबह आठ बजे से मतगणना शुरू हो जाएगी। पुलिस प्रशासन ने मतगणना के मददेनजर सुरक्षा व्यवस्था चाक चौबंद कर दी है। बिना अधिकृत दस्तावेज कोई भी व्यक्ति मतगणना कक्ष में प्रवेश तो दूर स्थल के आस पास भी नहीं फटक पाएगा। इधर राजनीतिक गलियारों में भी हलचल सी मची हुई है। बीते तीन माह से विधानसभा चुनाव का हल्ला चल रहा है और एग्जिट पोल की चकल्लस भी भरपूर हो गई। उम्मीदवारों ने देव दर्शन भी कर लिए और तमाम पंडितों-ज्योतिषियों को अपनी कुंडली भी दिखा दी। मतदान के बाद से लेकर अभी तक कार्यकर्ताओं से गुणा-भाग भी करवा लिया, जिससे यह पता चल सके कि किस क्षेत्र से कितने वोट मिले होंगे। मगर अब फैसले की फाइनल घड़ी आ गई है। ठीक 24 घंटे बाद जनता जनार्दन ने क्या असल फैसला किया, उसका खुलासा हो जाएगा। तब तक उम्मीदवारों को हार-जीत की धुकधुकी बनी रहेगी। चुनाव शुरू होने से लेकर मतदान और उसके बाद फिर अनुमान, अटकलों और भविष्यवाणियों का दौर चला। सभी उम्मीदवार अपनी-अपनी जीत के दावे कर रहे हैं और कोई भी हार मानने को तैयार नहीं। यही स्थिति प्रदेश और जिले के मामले में दोनों प्रमुख राजनीतिक दलों के साथ कुछ निर्दलीय और स्थानीय पार्टियों ने भी की। दिग्गज सरकार बनाने के दावे कर रहे हैं। इस बार का एग्जिट पोल भी भ्रमित करने वाला रहा है। यानि कोई भी दल किसी नतीजे पर नहीं पहुंच सकता। दूसरी तरफ उम्मीदवारों ने मतगणना और मतदान के बीच के समय को थकान उतारने के बाद देव दर्शन में भी बिताया। भरपूर पूजा और मन्नतों के साथ ज्योतिषियों को कुंडलियां भी दिखा दी और जीत के अनुष्ठान भी लगातार करवाते रहे। विधानसभा सीटों की मतगणना सुबह 8 बजे से शुरू होगी और अगले तीन चार घंटे में ही रुझान प्राप्त हो जाएंगे और दोपहर बाद तक तो तस्वीर काफी हद तक स्पष्ट हो जाएगी।
आज रात नींद नहीं आएगी, पर सुबह जल्दी जागना है तो सोना भी जरूरी
प्रदेश की जनता ने क्या मन बनाया और किस पार्टी या उम्मीदवार के पक्ष में बटन दबाया इसका खुलासा तो कल वोटिंग मशीनें ही बताएंगी, जब धड़ाधड़ विधानसभावार टेबलों से परिणाम निकलेंगे और इस बार डाक मतपत्रों की भी महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। तब तक राजनीतिक दलों के दिग्गजों, कार्यकर्ताओं, समर्थकों से अधिक उम्मीदवारों को धुकधुकी बनी रहेगी और संभव है आज रात को नींद भी ठीक तरीके से नहीं आए, क्योंकि सुबह जल्दी उठकर मतगणना स्थल भी पहुंचना पड़ेगा। इतना ही नहीं, सभी उम्मीदवारों ने अपने-अपने चुनावी एजेंटों, समर्थकों से आंकड़े भी निकलवाए और उनका गुणा-भाग भी भरपूर कर लिया, ताकि यह स्पष्ट हो सके कि उन्हें कितने वोट किस क्षेत्र से मिल रहे हैं। इसमें जातिगत समीकरणों का भी विशेष ध्यान रखा गया है।