0 आगामी वर्षाकाल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से परिसम्पतियां हटाने जल प्रबंध विभाग ने जारी की सूचना
कोरबा। मानसून सिर पर है और बारिश भी नजदीक आ चुका है। ऐसे में भीषण वर्षा की स्थिति निर्मित हुई तो बांध के गेट खोलने पड़ सकते हैं। अगर बांध के द्वार खुले तो नदी किनारे रहने वालों के घर-द्वार पानी में डूब सकते हैं। बाढ़ के इस संभावित खतरे को ध्यान में रखते हुए अभी से विभागीय सतर्कता शुरू कर दी गई है। इसी क्रम में जल प्रबंध विभाग की ओर से अलर्ट जारी कर दिया गया है। इसमें कहा गया है कि आगामी वर्षाकाल में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों से परिसंपत्तियां यथासंभव यथाशीघ्र हटा लिए जाएं।
कार्यपालन अभियंता हसदेव बरॉज जल प्रबंध संभाग रामपुर, कोरबा ने जिले के सर्व साधारण व कार्य संबंधितों को सूचित किया है कि आगामी वषार्काल 2023 के दौरान आवश्यकता होने पर हसदेव बरॉज दर्री से नदी में पानी प्रवाहित किया जायेगा। इस हेतु सर्व संबंधित उक्त बांध से नीचे, हसदेव नदी के किनारे, बाढ़ क्षेत्र में स्थापित अपने चल-अचल सम्पत्ति को समय रहते सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित कर लें। इसी प्रकार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में स्थापित खनिज, खदान ठेकेदार, औद्योगिक इकाईयां, संस्थानों आदि को भी सूचित किया गया है कि वे अपनी परिसम्पत्तियों को बाढ़ क्षेत्र से बाहर कर लेना सुनिश्चित करें। आकस्मिक बाढ़ से होने वाली किसी भी प्रकार की क्षति के लिए जल प्रबंध संभाग उत्तरदायी नहीं होगा।
हसदेव किनारे बसे इन 18 गांवों के लिए अलर्ट जारी
कोरबा व पड़ोसी जिला जांजगीर-चांपा समेत विभाग ने कुल 18 गांवों के लिए अलर्ट जारी करते हुए परिसंपत्तियां हटाने के निर्देश दिए हैं। यह सभी गांव हसदेव नदी के किनारों पर हैं, जहां बाढ़ की स्थिति में जान-माल का खतरा हो सकता है। विभाग की ओर से जारी की गई जानकारी के अनुसार बाढ़ प्रभावित क्षेत्र में आने वाले संभावित गांवो में चारपारा, खैरभवना, बलरामपुर, भलपहरी, जोगीपाली, कोहड़िया, राताखार, गेवराघाट, इमलीडुग्गु, कुदुरमाल, बरीडीह, कटबितला, मोहरा, चिचोली, झींका, ठिठोली व जांजगीर चांपा जिले के चॉम्पा व देवरी गांव शामिल हैं।