Korba : खेती की तैयारियों में सहकारी समितियों के साथ ताले में बंद खाद और बीज हैं जरूरी, चिंतित किसान के लिए बाहर भटकने की मजबूरी

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0 दूसरे दिन भी बेमुद्दत हड़ताल पर बैठे 41 सहकारी समितियों के कर्मचारी, कृषि ऋण वितरित, खाद-बीज का परमिट समेत अनेक महत्वपूर्ण कार्य ठप

कोरबा। किसानों की उम्मीदों का सीजन, यानि मानसून सिर पर है। पर बारिश का इंतजार कर रहे कृषकों की उम्मीदों पर कहीं सहकारी समितियों का आंदोलन पानी न फेर दे। गुरुवार से कर्मियों के हड़ताल पर बैठ जाने से कृषि ऋण, खाद-बीज के परमिट समेत अनेक महत्वपूर्ण कार्य लगभग ठप हो गए हैं। शासन-प्रशासन ने सरगर्मी दिखाते हुए खाद और बीजों के भंडारण का कार्य भी लगभग 60 प्रतिशत पूर्ण कर लिया है। खाद-बीज उपलब्ध होने के बाद अब चिंता इस बात की है कि किसानों को उनका वितरण करने वाला फिलहाल कोई नहीं।
अपनी तीन सूत्रीय मांगें मनवाने की बात लिए जिले के सहकारी समितियों कर्मचारी हड़ताल पर बैठ गए हंैं। सहकारी समिति कर्मचारी संघ जिला कोरबा के बेनर तले गुरूवार को समितियों में ताला लगाकर वे पूरे दिन जिला मुख्यालय में तानसेन चौक पर धरना देते रहे। इस धरना-प्रदर्शन में जिले के 41 समितियों के कर्मचारी संघ के पदाधिकारी उपस्थित रहे। सभी ने एक स्वर में अपनी मांगों के लिए नारे लगाए और मांगों को जायज बताते हुए शासन से इसकी पूर्ति के लिए समर्थन मांगा। पहले दिन जिले की सभी समितियां बंद होने से किसानों को खाद बीज के लिए परेशान होना पड़ा। किसान भी चाहते हैं कि समिति कर्मचारियों की मांगे जो है जल्द से जल्द पूरा हो सके ताकि हम लोग को भी समय पर खाद बीज उपलब्ध हो और खरीफ के इस सीजन में उन्हें जरूरी खाद-बीज की उपलब्धता के लिए किसी प्रकार की परेशानी न हो। सभी कृषक अपने खेतों में फसल चयन करने व फसल अनुसार बीज, खाद व वर्मी कम्पोस्ट की आवश्यक मात्रा के संबंध में अपने क्षेत्र के ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी से मार्गदर्शन प्राप्त करते हैं। सभी समितियों में पर्याप्त मात्रा में खाद-बीज व वर्मीकम्पोस्ट उचित मूल्य पर उपलब्ध है, पर उनका वितरण करने की महत्वपूर्ण जिम्मेदारी निभाने वाले समितियों के कर्मी हड़ताल पर हैं।

केंद्र से ब्याज अनुदान की एंट्री, समितियों का कंप्यूटराइजेशन कार्य

हड़ताल से समितियों के सारे कार्य प्रभावित हो गए हैं। वर्तमान में कृषि ऋण वितरित किया जा रहा है, खाद-बीज का परमिट जारी किया जा रहा है। ब्याज अनुदान 2021-22 व 2022-23 का जो केंद्र शासन से लेना है, उसकी एंट्री हो रही है। इसके अलावा समितियों का जो कंप्यूटराइजेशन होना है, उसमें भी काम चल रहा है। हड़ताल के चलते यह भी कार्य लगभग ठप हो जाएंगे। सहकारी समिति के कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं। उनकी प्रमुख तीन मांगें हैं, जिनमें पहला यह कि जो प्रभारी प्रबंधक के रूप में कार्य कर रहे हैं, उनका नियमितिकरण किया जाए। दूसरा यह कि शासकीय कर्मियों के समान उनको वेतन दिया जाए और तीसरा यह कि बैंकों में जो समिति प्रबंधकों की सीधी भर्ती होनी है, उसमें रोक लगाई जाए और समिति के ही कर्मचारियों को प्रमोशन दिया जाए।

13550 क्विंटल बीज, 7260 मेट्रिक टन उर्वरक भंडारित

खरीफ फसलो की बुआई हेतु बीजों का भंडारण व वितरण जिले के 41 सेवा सहकारी समितियों के माध्यम किया जाना है। वर्तमान में जिले को धान व खरीफ की अन्य फसलों के बीज वितरण के लिए लगभग 20950 क्विंटल लक्ष्य प्रदाय किया गया है। जिसके विरूद्ध अब तक जिले में 13550 क्विंटल बीज का भंडारण समितियों में कर दिया गया है। इसी प्रकार उर्वरकों का भी जिले को प्राप्त लक्ष्य 14100 मेट्रिक टन में से लगभग 7260 मेट्रिक टन उर्वरक का निजी व सहकारी समितियों में भंडारण कर दिया गया है। जिले में एक अप्रैल से शून्य प्रतिशत ब्याज पर कृषि ऋण व अनुदान पर बीज व वितरण प्रारम्भ हो गया है।

बोनी निकट आते ही बढ़ जाती है खाद व बीज की मांग

 इन्होंने कहा..

हड़ताल से समितियों के सारे कार्य प्रभावित हो गए हैं। अभी वर्तमान में कृषि ऋण वितरित किया जा रहा है, खाद-बीज का परमिट जारी किया जा रहा है। ब्याज अनुदान 2021-22 व 2022-23 का जो केंद्र शासन से लेना है, उसकी एंट्री हो रही है। इसके अलावा समितियों का जो कंप्यूटराइजेशन होना है, उसमें भी काम चल रहा है। हड़ताल के चलते यह भी कार्य लगभग ठप हो जाएंगे।
– श्रीमती सरिता पाठक, शाखा प्रबंधक, जिला सहकारी बैंक कोरबा