Korba गंभीर आरोप : सोए हुए ग्रामीणों के घर चला बिना नोटिस के बुलडोजर.. दुकानों से लूटे गए सामान.. FIR नहीं हुआ तो करेंगे सामूहिक आत्महत्या

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0 ग्राम पताढ़ी के ग्रामीणों का आरोप, कलेक्टर व उरगा थाना प्रभारी से की लिखित शिकायत, मकान-दुकान में तोड़-फोड़ से आर्थिक नुकसान, जान बचाने घर से निकलकर भागे ग्रामीण, लूट व तोड़-फोड़ का अपराध दर्ज करने की गई मांग

*कोरबा।* देर रात दस बजे अचानक गांव पहुंचे राजस्व एवं प्रशासन के अधिकारियों ने तोड़-फोड़ शुरू कर दी। एनएच अफसरों से लेकर पटवारी तक शामिल अमले ने मकान-दुकान में बुलडोजर चलवाए। सामान लूट लिए गए और पुलिस ने बदसलूकी भी की। बिना कोई पूर्वसूचना की गई इस कार्यवाही के लिए दोषी अधिकारियों-कर्मचारियों के खिलाफ तत्काल एफआईआर दर्ज कर गिरफ्तारी की जाए। अगर शिकायत पर गंभीरता से त्वरित कदम न उठाए गए तो हम सभी ग्रामीण सामूहिक आत्महत्या करने विवश होंगे।

बरसात के मौसम बिना सूचना एवं बिना मुआवजा के ग्राम पताढ़ी में कार्यवाही शुरू कर दी गई। अचानक शुरू की गई यह कार्यवाही प्रशासन एवं राजस्व अमले ने विभागीय अधिकारियों के साथ की। घर में सोते हुए लोगों के मकान एवं दुकान में तोड़-फोड़ करने का आरोप लगाते हुए एसडीएम, तहसीलदार, राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारियों और पटवारी के विरुद्ध कलेक्टर से लिखित शिकायत की गई है। इसके साथ ही पुलिस से भी तत्काल अपराध दर्ज कर गिरफ्तार करने की मांग की गई है।


उरगा पुलिस थाने में आई यह शिकायत ग्राम पताढ़ी के ग्रामीणों की है। उनका कहना है कि 22 जून को रात्रि लगभग 10 बजे बिना किसी प्रकार की नोटिस, सूचना या मुआवजा प्रदान किए शासकीय अमले द्वारा बलपूर्वक राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी मदान के साथ मिलकर गांव में घुस आए। इस दौरान लोग, जब अपने घरों में सो रहे थे, उन्हें बिना बताए उनके मकान, दुकान पर जेसीबी से तोड़फोड़ शुरू कर दी गई। जान का खतरा महसूस होने पर पीड़ित परिवार दौड़ते भागते घर से बाहर आए और अपनी जान बचाई। अपनी पीड़ा बताते हुए ग्रामीणों ने कलेक्टर के समक्ष मदद की गुहार लगाई है। उन्होंने आग्रह किया है कि दोषी व्यक्तियों पर तत्काल लूट व तोड़-फोड़ का अपराध दर्ज करते हुए तत्काल गिरफ्तारी की जाए। उनकी शिकायत पर यथोचित कार्यवाही नहीं किए जाने की दशा में ग्रामीणों ने सामूहिक आत्मदाह कर लिए जाने की चेतावनी भी दी है, जिसकी जिम्मेदारी इन सभी अधिकारियों की होगी। शिकायत करने वालों में नंदलाल देवांगन, नरोत्तम लाल देवांगन, किरनलाल देवांगन, नारायण प्रसाद, जनकराम देवांगन, रथराम यादव, विजय आनंद, जगदीश, प्रशांत कुमार, झामुन बंजारे, शिव कुमार पाटले, भीमसेन यादव व कमलेश वैष्णव व बरखा शामिल हैं।

हमारे पास वैध दस्तावेज मौजूद, निजी को सरकारी जमीन बता रहे राजस्व अफसर

कोरबा एसडीएम, कोरबा तहसीलदार, पटवारी द्वारा निजी भूमि को शासकीय बताया जा रहा है, जबकि उनके पास उक्त भूमि के वैध दस्तावेज उपलब्ध हैं। मकानों को तोड़ते समय हमारे मकान, दुकान में समान था, जिसको अधिकारियों द्वारा लूटा गया है। जिसके कारण हमें आर्थिक क्षति पहुंचने की बात भी कही जा रही है। कोरबा एसडीएम, कोरबा तहसीलदार, पटवारी, राष्ट्रीय राजमार्ग के अधिकारी मदान, पुलिस के अधिकारियों द्वारा दबंगई पूर्वक हमारे मकान, दुकान को तोड़ा गया है। यह आरोप भी लगाया गया है कि ग्रामीणों को धमकी दी जा रही है, जिससे उन्हें जान का खतरा है।