कोरबा। सहकारी बैंकों के बाद अब सहकारी समितियों के कर्मी अपनी मांगों को लेकर हड़ताल पर जाने को तैयार हैं। एक जून से उन्होंने अनिश्चितकालीन आंदोलन पर जाने की घोषणा की है। खरीफ के इस ताजा सीजन में जहां खाद-बीज का भंडारण हो चुका है, कर्मियों के हड़ताल पर चले जाने से किसानों के लिए भटकाव की स्थिति निर्मित होगी। इस तरह उन्हें खेती कार्य के लिए परेशानी उठानी पड़ सकती है।
छत्तीसगढ़ प्रदेश सहकारी समिति कर्मचारी संघ रायपुर के आह्वान पर अपनी तीन सूत्रीय मांगों को लेकर जिले के सहकारी समिति कर्मचारी 1 जून से हड़ताल पर जाएंगे। संघ के द्वारा इसकी सूचना सभी जिला प्रमुख व विभागों को पत्र के माध्यम से दे दी गई है। साथ ही अनुविभागीय अधिकारी को धरना प्रदर्शन की भी सूचना दे दी गई है। इनकी प्रमुख माांगों में प्रदेश के 2058 समितियों में कार्यरत सभी सहकारी कर्मचारियों को नियमितीकरण किया जाना, सरकारी कर्मचारियों की भांति वेतनमान और प्रदेश के समितियों में सीधी भर्ती को समाप्त कर समिति में कार्यरत सभी कर्मचारियों को समायोजन किए जाने की बात शामिल है। वर्तमान में समितियों में खाद बीज का भंडारण हो चुका है। किसान खाद बीज के लिए समिति में आ रहे हैं। वहीं केसीसी नगर के लिए भी किसानों का वीर समितियों में प्रतिदिन लग रहा है। हड़ताल में जाने से निश्चित रूप से किसानों को परेशानी होगा। समिति कर्मचारियों का कहना है कि हड़ताल के दौरान किसानों को परेशानी होगी, जिसकी जवाबदार शासन-प्रशासन की होेगी।
जिले के 41 समितियों के 200 कर्मी होंगे शामिल