Korba : पुलिस पस्त, जनता त्रस्त और यातायात पुलिस मस्त..सड़को में लग रहा महाजाम औऱ ट्रैफिक व्यवस्था का नही है ध्यान…

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कोरबा।जाम के झाम से उर्जाधानी का रिकाण्डो रोड कराह रहा है। इसकी एक बानगी हर सुबह देखने को मिली जाएगी। रोज सुबह शहर के बीच बुधवारी बाजार से अमरैय्या पारा बाईपास रोड तक भीषण जाम लगता हैं, जिससे आम राहगीर बहुत परेशान होते हैं। शहर की यातायात पुलिस की कार्यो को देखते हुए शहर की पब्लिक कहने लगी है। जनता तो त्रस्त है महाराज पर पुलिस वसूली में मस्त है क्योंकि सड़को में महाजाम लग रहे है और ट्रैफिक ब्यवस्था का ध्यान किसी को नही है।

 

बता दें कि कोयला लदे भारी वाहनों का आना-जाना बुधवारी बाईपास मार्ग रिकांडो रोड से हो रहा है। जिनकी संख्या हजारों में रहती है। इस मार्ग पर आगे रेल्वे स्टेशन के पास रेल्वे का फाटक भी स्थित है। इस रेल्वे फाटक आए दिन बंद रहने से वाहनों की लंबी कतार सडक किनारे दोनों ओर रेल्वे से लेकर मुडापार अम्रैया होते हुए बुधवारी महाराणा प्रताप चौक पर लगी रहती है। इस दौरान वाहन चालक अपने वाहनो को बेतरतीब तरीके से खडे कर देते है। यही हाल ध्यानचंद चौक का है।

लग रहा महाजाम

 

बेतरतीब वाहनो के कारण कई बार वाहनो की सडक में तीन-तीन, चार-चार लाईने लग जाती है। और जाम की स्थिति बनने के कारण लोगों को आने जाने में भारी कठिनायों का सामना करना पड़ता है। इस तरह की स्थिति खासकर गुरूघासीदास चौक कुछ ज्यादा की बनती है। सडक पर खड़े बेतरतीब वाहनो को व्यवस्थित कराने की जिम्मेदारी यातायाता पुलिस के अधिकारियों व जवानों को है लेकिन यातायात पुलिस वाहनो को व्यवस्थित कराना तो दूर इस ओर झाक कर भी देखती उसका ध्यान केवल अवैध वसूली में ही रहता है। जब अवैध वसूली करना होता है तो यातायात पुलिस मार्ग पर पहुंचकर वाहन चालको से अवैध वसूली कर वापस चली जाती है। उनको भारी वाहनों तथा इसके कारण होने वाले जाम से जनता की परेशानियों से कोई लेना देना नही है। आज भी भारी वाहनों का जमावड़ा रिकांडो रोड पर मध्य रात्रि से लेकर दोपहर तक लगा । दोनों ओर गाडिया की लंबी कतार के कारण लोगों को आने जाने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा लेकिन जिम्मेदार मौके पर पहुंचकर नियंत्रित करने के लिए नजर नही आए फलस्वरूप लोग काफी परेशान रहे।

 

इस मार्ग पर यह पहली घटना नही है कि इस तरह जाम लगा हो इसके पहले भी इस मार्ग में इसी तरह लगातार जाम जैसी स्थिति निर्मित होती रही है। लेकिन जिम्मेदार विभाग के अधिकारी समस्या का निराकरण करने पूरी तरह नाकाम नजर आ रहे है।