कोरबा। छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले में कोल स्कैम रूका नहीं है बल्कि अब तरीका बदल गया है। बरपाली रेलवे साइडिंग से हर रोज सैकड़ों ट्रक कोयला अफरा.तफरी की जा रही है। कोयला के अवैध परिवहन के इस खेल में वहीं पुराने खिलाड़ी शामिल हैं जो अब तक सिस्टम से बचे हुए हैं।
0.खेल पुराना….बस तरीका बदला
बता दें कि कोल स्कैम की वजह से केंद्रीय एजेंसी को कोरबा आना पड़ा। इसके बाउजूद कोयला की तस्करी करने वाले काले कारोबारी अवैध रूप से धंधा को संचालित कर रहे हैं। पहले कोयला खान से कोयला निकालकर तस्करी की जाती थी अब सीधा रेलवे साइडिंग से एडजेसमेंट के बहाने प्रतिदिन सैकड़ों गाड़िया कोयला चोरी की जा रही है।
0.हर रात रेलवे साइडिंग पर लगा रहता है तस्करों का जमावड़ा
सूत्र बताते हैं कि गुरुवार की रात बरपाली साइडिंग से लगभग 70 ट्रक कोयला लोड कर बेचा गया है। स्थानीय रहवासियों की माने तो कोयला के धंधे की वजह से हर रात रेलवे साइडिंग में अवैध गतिविधि में संलिप्त रहने वाले लोगों का जमावड़ा रहता है।
0. कोयला वैगन के भार को संयोजन करने की है अनुमति
बताते चले कि संदेश ट्रेडिंग कंपनी को अडानी और हिन्द एनर्जी के कोयला रैक के भार संयोजन यानी जिसमें अधिक है, उसे दूसरे डिब्बे में डालने और रेलवे ट्रैक में गिरे कोयले को साफ करने की अनुमति रेलवे द्वारा दी गई है।

0.समायोजन की आड़ में चल रहा गोरख धंधा
इस समायोजन की आड़ में कंपनी के लोग अपना अलग धंधा संचालित कर रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कोयला खदान से लोडर के माध्यम से जानबूझकर या यूं कहे मिलीभगत कर रेलवे रैक में भार से अधिक मात्रा में कोयला लोड कराते है ताकि रेलवे साइडिंग में उसे उतारा जा सके और ओवर लोड कोयले को उतार कर अपने मन माफिक रेट में बेचा जा सके।