कोरबा । छत्तीसगढ़ की काँग्रेस सरकार द्वारा प्रचारित किये जा रहे बेरोजगारी दर को आधारहीन बताते हुए भाजपा आरटीआई प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य नवनीत राहुल शुक्ला ने कहा कि वास्तविकता में प्रशासन को ही नहीं मालूम है कि कितनों को रोजगार प्राप्त हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल अपनी छवि चमकाने के लिए भ्रामक व आधारहीन आंकड़ों को देशभर में प्रचारित कर रहे हैं जबकि उन्हीं के अधिकारी उनके दावों की पुष्टि कर पाने में असक्षम है।
नवनीत राहुल शुक्ला ने बताया कि उनके द्वारा 21 जून 2022 को जिला रोजगार कार्यालय कोरबा में सूचना का अधिकार अंतर्गत आवेदन लगाया गया था जिसमें उनके द्वारा 1 जनवरी 2019 से 21 जून 2022 तक रोजगार कार्यालय में पंजीकृत बेरोजगारों में से कितने को शासकीय, अर्धशासकीय व अशासकीय उपक्रमों में रोजगार प्राप्त हुआ की जानकारी मांगी थी। विभाग द्वारा 7 जुलाई 2022 को दिए गए अपने जवाब में जिला रोजगार कार्यालय कोरबा के द्वारा वांछित जानकारी को निरंक बताया गया है। इसका तात्पर्य यह हुआ कि जिला रोजगार कार्यालय के अधिकारियों को ही नहीं मालूम कि जिले में कुल पंजीकृत बेरोजगारों में से कितनों को रोजगार प्राप्त हुआ है। अब सवाल यह उठता है कि जब प्रशासनिक अधिकारियों को यही नहीं मालूम की कितने बेरोजगारों को रोजगार प्राप्त हुआ है या वह अभी भी बेरोजगार है, तो प्रदेश सरकार व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल किस आधार पर प्रदेश में 0.8% की बेरोजगारी दर का दावा करते हैं।
शुक्ला ने कहा कि पूर्व में भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के द्वारा सार्वजनिक मंच से 5 लाख रोजगार देने का दावा किया गया था परंतु विधानसभा में उनके द्वारा इसके उलट केवल 20 हजार नियुक्तियां करने की जानकारी प्रदान की गई थी। इसी प्रकार बेरोजगारी दर पर भी प्रदेश सरकार के दावे हवा-हवाई व आधारहीन है, जबकि जमीनी हकीकत कुछ और ही है।