Korba : भोजली पर्व सुख-शांति एवं समृद्धि का प्रतीक है और कन्नौजिया राठौर समाज की विशिष्ट संस्कृति भी

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कोरबा। कनौजिया राठौर समाज द्वारा छत्तीसगढ़ की लोक संस्कृति और वैभवशाली विरासत को प्रस्तुत करते भोजली उत्सव पर विशेष कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस अवसर पर भव्य रैली निकालते हुए भोजली विसर्जन किया गया। समाज के लोगों ने कहा कि भोजली पर्व सुख-शांति एवं समृद्धि का प्रतीक है और कन्नौजिया राठौर समाज की विशिष्ट संस्कृति भी है।

सामुदायिक भवन खरमोरा से सर्फिंन माता तालाब खरमोरा में छत्तीसगढ़ का भोजली विसर्जन का त्योहार आयोजित किया गया। भोजली उत्सव का कार्यक्रम पारंपरिक तरीके से कन्नौजिया राठौर समाज ने मनाया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पार्षद अनिता यादव खरमोरा रहीं। विशिष्ट अतिथि के रूप में कनक राठौर अध्यक्ष कन्नौजिया राठौर, नवचेतना महिला मंडल से सुशीला राठौर कन्नौजिया राठौर एसईसीएल ईकाई तथा शकुंतला राठौर अध्यक्ष सीएसईबी ईकाई रहीं। इस अवसर पर कन्नौजिया राठौर नवचेतना महिला मंडल की अध्यक्ष कनक राठौर ने सभी महिलाओं का स्वागत करते हुए कहा भोजली का पर्व सुख, शांति एवं समृद्धि का प्रतीक है। यह कन्नौजिया राठौर समाज का विशिष्ट संस्कृति है। भोजली मित्रता का उत्सव भी है। छत्तीसगढ़ में मित्रता के अटूट बंधन के लिए भोजली बदलने की परम्परा रही है। इस तरह से भोजली केवल एक पारंपरिक अनुष्ठान नहीं अपितु लोगों के दिल में बस जाता है। भोजली विसर्जन मे समाज की महिलाओ की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। कार्यक्रम में भोजली मां के श्रींगार की प्रतियोगिता रखी गई थी जिसमें प्रथम पुरस्कार अर्चना राठौर द्वितीय रंजीत राठौर एवं तृतीय गीतिका राठौर को दिया गया।