The Duniyadari: कोरबा- छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले से एक बड़े जमीन घोटाले का खुलासा हुआ है, जिसने राजस्व विभाग और भू-माफियाओं में हड़कंप मचा दिया है। करतला तहसील के ग्राम चोरभट्ठी में तैनात पटवारी लोकेश्वर मैत्री ने 250 एकड़ से अधिक शासकीय भूमि को रिकॉर्ड में निजी भूमि दिखाकर न केवल बेच दिया, बल्कि उसे कई भू-स्वामियों के नाम पर फर्जी तरीके से दर्ज भी कर दिया।
कलेक्टर का सख्त एक्शन
जांच में फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद कलेक्टर अजीत वसंत ने तत्काल पटवारी लोकेश्वर मैत्री को निलंबित करने के साथ ही 10 फर्जी भू-स्वामियों और एक कंप्यूटर ऑपरेटर बिट्टू चौहान के खिलाफ FIR दर्ज करने के आदेश दिए हैं। कलेक्टर ने यह भी निर्देश दिया है कि जिस सरकारी जमीन को फर्जीवाड़े में निजी बताया गया था, उसे पुनः शासकीय रिकॉर्ड में दर्ज किया जाए।
ऐसे हुआ फर्जीवाड़ा
जांच रिपोर्ट के अनुसार, पटवारी लोकेश्वर मैत्री और कंप्यूटर ऑपरेटर बिट्टू चौहान ने मिलकर भूमाफियाओं को फायदा पहुंचाने के लिए सरकारी जमीनों का फर्जी बटांकन किया। इसके तहत जमीन को निजी बताकर फर्जी भू-स्वामियों के नाम दर्ज कर दिया गया। यही नहीं, इन जमीनों को बैंकों में गिरवी भी रख दिया गया और लोन हासिल किया गया।
बैंक में गिरवी रखी गई फर्जी जमीनें
रामेश्वर पिता सहेत्तर के नाम पर दर्ज जमीन एक्सिस बैंक रायपुर में गिरवी रखी गई थी।
हीरादास पिता भुवनदास के नाम पर जमीन इसाफ स्माल फाइनेंस बैंक, चांपा में गिरवी पाई गई।
फर्जी भू-स्वामी कौन?
इस घोटाले में जिन 10 फर्जी भू-स्वामियों के नाम सामने आए हैं, उनमें विजय, नवीन बहादुर, गजानंद, धनेश, भालेश्वर, विनोद विश्वास, ज्योति राय सहित अन्य शामिल हैं।
आगे की कार्रवाई जारी
कलेक्टर अजीत वसंत ने स्पष्ट किया कि इस मामले में कानूनी कार्यवाही तेज की जाएगी। पुलिस और राजस्व विभाग की संयुक्त टीमें पूरे मामले की गहराई से जांच कर रही हैं। आने वाले दिनों में और भी नाम सामने आ सकते हैं।