कोरबा- छत्तीसगढ़ के कोरबा जिले की कोयला खदानें केवल खनिज संसाधनों के लिए नहीं, बल्कि डीजल चोरी के लिए भी एक बड़ा हब बन चुकी हैं। प्रतिदिन यहां से हजारों लीटर डीजल की चोरी हो रही है, जिसका टर्नओवर करोड़ों में पहुंच चुका है। हाल ही में पुलिस ने यहां से लगभग 2600 लीटर डीजल जब्त किया था, लेकिन इस मामले में बड़ी मछलियां अभी भी पुलिस की पहुंच से दूर हैं।
ड्रिलिंग और चोरी का संगठित खेल
दीपका, गेवरा और कुसमुंडा खदानें इस अवैध कारोबार का मुख्य केंद्र बन गई हैं, जहां डीजल चोरों के गिरोह रात के अंधेरे में बड़ी मात्रा में डीजल चोरी कर रहे हैं। इस गिरोह का संचालन नवीन नामक एक सरगना कर रहा है, जो कटघोरा क्षेत्र से इस पूरे ऑपरेशन को नियंत्रित करता है। उसके साथ इस गिरोह में संदीप, कुनाल, आकाश, राजा, विशाल, और देवा जैसे अन्य सदस्य शामिल हैं, जो इस अवैध कार्य को अंजाम देते हैं।
पुलिस की कार्रवाई, लेकिन चोरी जारी
पुलिस की कार्रवाई के बावजूद, डीजल चोर सक्रिय हैं और नए तरीके से चोरी को अंजाम देने में जुटे हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार, इन चोरों ने खदानों में घुसने और डीजल निकालने के लिए अत्याधुनिक तकनीकों का उपयोग करना शुरू कर दिया है। सूत्रों के अनुसार, इस गिरोह ने अपने काम को और सुगम बनाने के लिए स्थानीय संपर्कों का भी सहारा लिया है, जिससे उनकी गतिविधियों पर नजर रखना मुश्किल हो गया है।
स्थानीय प्रशासन और पुलिस की चुनौती
कोरबा की खदानों में डीजल चोरी की बढ़ती घटनाएं स्थानीय प्रशासन और पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई हैं। न केवल डीजल की चोरी से सरकार को आर्थिक नुकसान हो रहा है, बल्कि यह खनन क्षेत्र की सुरक्षा को भी खतरे में डाल रहा है। अब देखना यह है कि क्या पुलिस इन डीजल माफियाओं के खिलाफ सख्त कार्रवाई कर उन्हें पकड़ पाती है या यह गिरोह इसी तरह अपने अवैध कारोबार को जारी रखेगा।
इस पूरे मामले ने कोरबा की खदानों में सुरक्षा और कानून व्यवस्था को एक नए सिरे से चुनौती दी है, और स्थानीय नागरिकों के बीच चिंता का माहौल बना हुआ है।