Korba : हाथी-मानव द्वंद्व से थर्रा रहा जंगल, मौज में अफसर… फुर्सत निकालिए DFO साहब

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0 जंगल बेसहारा छोड़ छुट्टियों में व्यस्त कटघोरा डीएफओ के कार्यकाल में अब तक चार लोगों की जान ले चुका है झुंड से बिछड़ा हाथी, 3 हाथियों की भी हो चुकी है मौत

कोरबा। कटघोरा क्षेत्र के जंगल हाथी-मानव द्वंद्व से थर्रा रहे हैं। उधर अफसर जंगल को बेसहारा छोड़ छुट्टियों की मौज काटने से मसरूफ हैं। कटघोरा के मौजूदा डीएफओ के कार्यकाल में ही झुंड से बिछड़ा हाथी एक के बाद एक अब तक चार लोगों की जान ले चुका है। तीन हाथियों की भी मौत हो चुकी है। अपने परिवार और बच्चों के साथ जिंदगी और मौत के बीच जूझते ग्रामीणों के लिए फिक्र तो दूर, विकराल रूप ले रही समस्या पर सोचने की फुरसत भी जिम्मेदार अफसरों के पास निकलता नहीं दिख रहा है।

जब अपने घर पर चैन की नींद सो रहे ग्रामीण के मकान की दीवार तोड़कर एक विशालकाय हाथी मौत बनकर भीतर घुस आए, तो ऐसी स्थिति की कल्पना वही कर सकता है, जिसने खुद सामना किया हो। कुछ ऐसी ही दशा से कटघोरा वन मंडल के हाथी प्रभावित ग्रामीणों गुजर रहे हैं। हाथी से बड़ी मुश्किल इस बात की है कि उनकी जीने-मरने की आन पड़ी नौबत पर दो घड़ी बात करने की भी फुर्सत जिम्मेदार अफसर के पास नहीं है। यहां के डीएफओ कुमार निशांत लगातार छुट्टियों में व्यस्त हैं और उनकी गैरमौजूदगी में लगातार जानलेवा हादसे हो रहे हैं। इनके ही कार्यकाल में एक के बाद एक कटघोरा वनमण्डल में तीन हाथी मर गए। हाल के दिनों में झुंड से बिछड़कर यहां वहां भटक रहे घायल लोनर हाथी चार लोगों को मौत के घाट उतार चुका है पर कटघोरा डीएफओ कुमार निशांत हैं कि नजर आने का नाम ही नही ले रहे हैं। जिले के कटघोरा वनमण्डल में घायल लोनर हाथी दिन प्रतिदिन बेकाबू होता जा रहा है। झुंड से बिछड़ने के बाद गजराज लगातार उत्पात मचा रहा। हाथी फसलों और मकानों को तो नुकसान पहुंचा ही रहा है। साथ लोगों की जान भी ले रहा है। कटघोरा वनमण्डल में हाथियों के उत्पात से ग्रामीण रतजगा करने को मजबूर हैं, पर वनमण्डल के अधिकारी और वनकर्मी की ओर से इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है। इसके चलते लोगों में भारी आक्रोश है।

 

60 हाथी दिख रहे पर क्या किसी ने डीएफओ निशांत को देखा है…

 

वन विभाग की कार्यशैली को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश बयाया जा रहा है कि कटघोरा के डीएफओ कुमार निशांत के पदस्थापना के बाद अब तक 3 हाथियों की मौत हो चुकी है। वहीं, लोनर हाथी अब तक 4 लोगों की जान ले चुका है। क्षेत्र में 60 हाथियों का दल अलग-अलग क्षेत्रों में विचरण कर रहा है। पर अब तक इस दिशा में कोई कदम लेना तो दूर किसी को डीएफओ कुमार निशांत के दर्शन तक नहीं मिले हैं। लगातार हाथी किसानों के फसल और मकानाें को क्षतिग्रस्त कर रहा है, लेकिन कटघोरा वनमण्डल के डीएफओ छुट्टी मना रहे हैं। वन विभाग की कार्यशैली को लेकर ग्रामीणों में भारी आक्रोश है। ग्रामीणों ने अब आंदोलन की चेतावनी दी है।