ल0 सभी एरिया जीएम को एसईसीएल मुख्यालय का सर्कुलर, महंगे उपकरणों की सुरक्षा में मिलेगी मदद
कोरबा। यह तो सभी जानते हैं कि जहां गाज गिरती है, वहां सिर्फ तबाही पीछे रह जाती है। पर अगर बिजली गिरने के पहले ही अलर्ट मिल जाए तो। विशेषज्ञों ने कुछ ऐसी ही तरकीब ढूंढ निकाली है, जिसका इस्तेमाल खदानों में किए जाने पर जोर देते हुए एसईसीएल मुख्यालय ने एक सर्कुलर जारी किया है। सभी एरिया महाप्रबंधक को सलाह दी गई है कि खदान एरिया के अफसर अपने मोबाइल में दामिनी एप डाउनलोड करें। खास बात यह है कि गंभीर लाइटनिंग या थंडरिंग के 30 से 45 मिनट पूर्व यह एप एलर्ट भेजना शुरू कर देता है। इस तरह वक्त रहते खदान की उन महंगी मशीनों, उपकरणों को सुरक्षित करने में मदद मिलेगी, जो आसमानी बिजली का शिकार बन खराब हो सकती हैं।
बारिश के दौरान कोयला खदानों में कोयला उत्पादन और डिस्पैच प्रभावित होता है। गाज के कारण महंगी मशीनों के खराब होने का खतरा भी बना रहता है। अगर बिजली गिरने से पहले इसकी जानकारी मिल जाए तो इस नुकसान से बचा जा सकता है। कुछ इसी तरह की तकनीक दामिनी एप में मौजूद है, जिसका इस्तेमाल करने की सलाह एसईसीएल मुख्यालय की ओर से सभी एरिया महाप्रबंधक को दी गई है। महाप्रबंधक (ईएंडटी) व विभागाध्यक्ष द्वारा जारी किए गए सर्कुलर में कहा गया है कि वर्षाकाल में आकाशीय बिजली की वजह से संवेदनशील इलेक्ट्रानिक उपकरणों को क्षति पहुंचती है। जिसके लिए उपकरणों के सुरक्षा उपायों पर संभव कदम उठाए जाते रहे हैं। इस दिशा में पूना के आईआईटीएम तथा इएसएसओ ने दामिनी नाम से एक लाइटनिंग एप तैयार किया है जो मोबाइल पर गूगल प्ले व एप्पल स्टोर पर बिना शुल्क उपलब्ध है। इस एप के द्वारा लाइटनिंग एक्टीविटी की मानिटरिंग की जा सकती है। उपयोगकर्ता के मोबाइल के जीपीएस लोकेशन के आधार पर यह एप मानिटरिंग की सुविधा प्रदान करता है। किसी भी गंभीर लाइटनिंग अथवा थंडरिंग के लगभग 30 से 45 मिनट पूर्व यह एप एलर्ट भेजना चालू कर देता है, जिससे समय रहते सुरक्षा के आवश्यक कदम उठाने में मदद मिल सकती है। इस एप्लीकेशन को उपयोग करने अनुमोदित किया गया है, ताकि कुछ हद तक महंगे इलेक्ट्रानिक उपकरणों को समय रहते सुरक्षा प्रदान की जा सके। सभी संबंधितों को इस मोबाइल एप्लिकेशन का उपयोग करने के लिए जागरूक करने का भी बात कही गई है।
डेंजर जोन की पहचान, जीपीएस से कम्प्यूटर पर मिलेंगे आंकड़े
बरसात के समय बिजली कड़कना या गिरना आम बात है, लेकिन कभी कभार लोगों को जान भी गवानी पड़ती है। अब इससे बचा भी जा सकता है। इसके लिए बस अपने मोबाइल पर दामिनी लाइटनिंग अलर्ट एप डाउनलोड करना होगा। दामिनी लाइटनिंग अलर्ट मौसम के खराब होने के साथ ही आकाशीय बिजली के संबंध में लगभग 30 से 45 मिनट पहले ही मोबाइल पर अलर्ट देना शुरू कर देता है, जिससे आसानी से डेंजर जोन में आने वाले लोगों को सुरक्षित स्थानों पर ले जाया जा सकता है। इसका दूसरा भाग ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) आंकड़ों को कम्प्यूटर पर भेज देता है, जिसकी मदद से मौसम और बिजली के गिरने और उसकी ताकत के बारे में पूरी जानकारी मिल जाती है। किसानों व आमजन के लिए उपयोगी होगा। आकाशीय बिजली गिरने की घटनाएं इस क्षेत्र में ज्यादा होती हैं। इससे पहले ही चेतावनी मोबाइल पर आ जाएगी।
20 किमी के दायरे में हिंदी-अंग्रेजी में अलर्ट, जहां व्यक्ति मौजूद है, वहां बिजली गिरेगी या नहीं
एप को मोबाइल के प्ले स्टोर से निश्शुल्क डाउनलोड कर सकते हैं। इसके बाद एप स्थान में बिजली गिरने की आशंका होने पर उपयोग करता है। वह तुरंत इसकी सूचना दे देता है।आकाशीय बिजली गिरने की घटना से पहले सावधान होने संबंधी अलर्ट दामिनी एप से पाया जा सकता है। केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय के इस एप पर मोबाइल में ओपन करने पर व्यक्ति जिस लोकेशन पर है, वहां का मैप दिखाने वाला सर्किल आता है, यह सर्किल 20 किलोमीटर के व्यास में अगले 30-40 मिनट में बिजली संबंधी अलर्ट देता है। जिस जगह पर व्यक्ति मौजूद है, वहां बिजली गिरने वाली है या नहीं इसकी जानकारी सर्कल के नीचे हिंदी और अंग्रेजी में दी जाती हैं। बताता है कि वज्रपात खेत में काम, यात्रा के दौरान, घर के आसपास काम करते समय अगर बिजली गिरने का अलर्ट मिले तो कैसे बचाव किया जा सकता हैं।