कोरबा। कोरवा आदिवासी के इलाज के दौरान हुई मौत के बाद कलेक्टर ने हॉस्पिटल दस्तावेजों की जांच कराने का निर्देश दिया था। जिलाधीश के आदेश बाद एस.डी.एम. कोरबा हरि शंकर पैकरा जांच के लिये सोमवार को हॉस्पिटल प्रबंधन का बयान दर्ज करा रहे थे । इसी दौरान एक युवक जो अपने आप को नागरिक संघर्ष समिति का अध्यक्ष कहता है ने कार्यालय में जबरन घुस कर गलत जांच होने का अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए जांच को प्रभावित करने का असफल प्रयास किया। जांच कर रही टीम के साथ बेवजह अपने आप को जागरूक नेता साबित करने में भिड़े युवक के साथ बहस के बाद हॉस्पिटल प्रबंधन की जांच की कार्यवाही पूरी की गई।
जानकारों का कहना है कि इस प्रकार के प्रकरणों में बिना किसी कारण के हंगामा करने का एक मुख्य कारण छपास रोग भी है। जिस कदर जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय में जांच को लेकर हंगामा मचाया उसे लेकर शहर में जमकर मजाक बनाया जा रहा है।आप को यह बताते चले कि शहर में इन दिनों कई ऐसे गिरोह सक्रिय है जो अपने आप को अधिकारियों से बड़ा मानकर विभागीय कार्यो में दखल दे रहे है और जिन नीती नियमों के लिए स्थानीय प्रशासन निर्देश जारी कर चुका होता है, उन्ही बिंदुओ पर अनावश्यक रूप से सुझाव जारी करने के बाद ये लोग बाकायदा प्रकाशित भी करवाते है।
वर्सन
हॉस्पिटल में उपचार के दौरान हुए कोरवा आदिवासी की मौत के मामले में जांच के लिए हॉस्पिटल प्रबंधन को बुलाया गया था।सी.एम.एच.ओ. कार्यालय में बयान लिया ही जा रहा था कि एक नियाज आरबी नाम के एक युवक ने आकर गलत जांच करने का आरोप लगाते हंगामा मचाना शुरू कर दिया। जबकि जांच के दौरान इस प्रकार से बिना अनुमति के जांच की न्यायिक प्रक्रिया को बाधित कर दफ्तर में घुसना अपराध की श्रेणी में आता हैं।
एच.एस. पैकरा, एस.डी.एम. कोरबा