कोरबा। Korba Collector : वर्तमान में बीमारियों के उपचार के अनेक माध्यमों मे आयुर्वेद चिकित्सा को भी सर्वश्रेष्ठ माना गया है। यह कहा जा सकता है कि मानव के स्वस्थ जीवन का आधार आयुर्वेद है। अगर हम आयुर्वेद आधारित जीवन शैली, आचार व्यवहार, खानपान, का अनुसरण करेंगे तो निश्चित रूप से एक स्वस्थ जीवन के अधिकारी होगें। इसके लिए सभी आयुष चिकित्सकों को व्यक्तिगत रुचि लेकर और प्रभावी रणनीति बनाकर कार्य करने की आवश्यकता है।
उक्त बातें कलेक्टर संजीव झा ने कलेक्ट्रेट के सभाकक्ष में आयोजित आयुष विभाग की समीक्षा बैठक में कही। इस मौके पर मुख्य कार्यपालन अधिकारी जिला पंचायत विश्वदीप, अपर कलेक्टर प्रदीप साहू, जिला आयुर्वेद अधिकारी डॉ. प्रदीप जैन, सभी आयुष चिकित्सक सहित अन्य विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित थे।
बैठक में आयुष विभाग की योजनाओं की समीक्षा के दौरान कलेक्टर ने आयुष चिकित्सकों से कहा कि वे आयुर्वेद चिकित्सा पद्धति को जन-जन में लोकप्रिय एवं विश्वसनीय बनाने के लिए रूचि लेकर कार्य करें। इसमें नवाचार करने की भी जरूरत है। आयुष चिकित्सक अपने ज्ञान और अनुभव से लोगों को लाभ पहुंचाने के लिए प्राथमिकता से कार्य करें, साथ ही अपने दायित्वों का ईमानदारी, जिम्मेदारी एवं शिष्टाचार के साथ निर्वहन करें। जिससे आमजनों में निरोगी जीवन के लिए आयुर्वेद एक प्रमुख केन्द्र साबित हो।
श्री झा ने विभाग में चिकित्सकों की उपलब्धता, आयुष केंद्रों के संचालन की स्थिति एवं अन्य विभागीय गतिविधियों की भी विस्तृत समीक्षा की। उन्होंने आयुष हेल्थ एवं वेलनेस सेंटर के गतिविधियों के संबंध में जानकारी प्राप्त कर विभिन्न विभागीय चिकित्सा पद्धति एवं अन्य गतिविधियों का नियमित संचालन करने के निर्देश दिये। उन्होंने विभागीय मजबूती एवं सुविधाओं में विस्तार हेतु प्रस्ताव प्रस्तुत करने की बात कही। इस हेतु मरम्मत योग्य संस्थानों एवं रिक्त पदों पर कर्मचारियों की पूर्ति हेतु सूची उपलब्ध कराने के लिए कहा। कलेक्टर ने कहा कि सभी आयुष संस्थान नियमित रूप से संचालित हो सभी इसका विशेष ध्यान रखें। साथ ही संस्थानों की साफ-सफाई एवं केंद्रों में आयुष चिकित्सकों की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए। सभी चिकित्सक विभागीय योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन से लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुँचाये। पंचकर्म जैसी प्रभावकारी महत्वपूर्ण चिकित्सा पद्धति का आमजनों में प्रचार-प्रसार कर उसकी उपयोगिता बढ़ाने के लिए प्रयास करें।
कलेक्टर ने ग्रामीण क्षेत्रो में शिविर आयोजित कर अधिक से अधिक लोगों को लाभांवित करने और आयुष विभाग के सभी संस्थानों में हर्बल वाटिका विकसित करने के निर्देश दिए। जिससे जड़ी बूटी के माध्यम से सर्वाेपयोगी औषधियो का निर्माण किया जा सके। साथ ही जनसामान्य को औषधियों के संरक्षण, उसके महत्व एवं उपयोगिता के विषय में जानकारी हो सके।
बैठक में जिला आयुर्वेद अधिकारी श्री जैन ने कलेक्टर को बताया कि जिले में आयुष विभाग की 69 संस्थाएं संचालित हैं। जिसके अंतर्गत आयुष पॉलीक्लीनिक, आयुष विंग, थेरेपी सेंटर, क्लीनिक, सहित सभी सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में आयुर्वेद, होम्योपैथी, यूनानी चिकित्सा संचालित हैं। विभाग द्वारा पंचकर्म, विरेचन, संशोधन, बस्ती जैसे विभिन्न आयुष चिकित्सा पद्धति एवं आयुर्वेदिक व होम्योपैथी औषधि सहित शिविर, स्वास्थ्य मेला के माध्यम से आमजनों का उपचार किया जा रहा है। बैठक में प्रेजेंटेशन के माध्यम से विभागीय उपलब्धियों के बारे में बताया गया।