कोरबा। KORBA NEWS : छत्तीसगढ़ किसान सभा और भू विस्थापित रोजगार एकता संघ ने विभिन्न लंबित 9 सूत्रीय मांगों का निराकरण नहीं होने पर भूविस्थापितो के साथ कुसमुंडा महाप्रबंधक कार्यालय का महाघेराव के साथ खदान बंद आंदोलन शुरू कर दिया है।
हालांकि महाघेराव को टालने के लिए किसान सभा के प्रतिनिधि मंडल के साथ एसईसीएल प्रबंधन ने सोमवार को बैठक कर आंदोलन स्थगित करने का अनुरोध किया। सदस्यों ने आंदोलन स्थगित करने के प्रस्ताव को ठुकराते हुए बिलासपुर के सक्षम अधिकारियों से ही वार्ता करने की बात कही। इसके साथ ही आज से महाप्रबंधक कार्यालय पर घेरा डालो, डेरा डालो आंदोलन शुरू किया है जो पक्ष में निर्णायक फैसला आने तक जारी रहेगा। मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी ने भी इस आंदोलन को अपना समर्थन दिया है।
घेरा डालो-डेरा डालो आंदोलन की प्रमुख मांगें:-
1) पूर्व में अधिग्रहित गांव के पुराने लंबित रोजगार प्रकरणों के तत्काल निराकरण के संबंध में
A) जिन भू विस्थापितों का फाईल बिलासपुर मुख्यालय में हैं उन्हें दस दिवस के अंदर रोजगार प्रदान किया जाए।
B) भू विस्थापित जिनकी जमीन सन् 1978 से 2004 तक अर्जन की गई है उन प्रत्येक खातेदार की रोजगार संबंधित प्रक्रिया पूरी कर एसईसीएल मुख्यालय भेजा जाए।
C) भू विस्थापित जिन्होंने नामांकन के लिए आवेदन किया है उन्हे तत्काल नामांकन फार्म दिया जाए।
2) जिन किसानों की जमीन अधिग्रहण की गई है और कि जा रही है(खोडरी,पाली, जटराज) गांव के सभी छोटे बड़े खातेदारों को रोजगार प्रदान किया जाये।
3) बरपाली,गेवरा के शासकीय भूमि पर कबीजों को भी परिसंपत्तियों का पूर्ण मुआवजा प्रदान किया जाये।
4) अधिग्रहित ग्रामों को पुनर्वास की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
5) कोल इंडिया द्वारा पूर्व में अधिग्रहित ग्राम खमहरिया के मूल किसानों को जमीन वापस किया जाये।
6) एसईसीएल में आऊट सोर्सिंग से होने वाले कार्यों में भू विस्थापित परिवार के बेरोजगारों को 100% रोजगार में रखा जाये।
7) प्रभावित एवं पुनर्वास गांव की महिलाओं को स्वरोजगार योजना के तहत रोजगार उपलब्ध कराया जाये।
8) पुनर्वास गांव में काबिज भू विस्थापित परिवार को पूर्ण काबिज भूमि का पट्टा दिया जाये।
9) भैसमाखार,मनगांव,वैशालीनगर समेत पुनर्वास सभी गांव को पूर्ण विकसित मॉडल गांव बनाया जाये और सभी मूलभूत सुविधाएं पानी बिजली निःशुल्क उपलब्ध कराया जाये।