MCB Police Transfer: SP transferred 82 policemen...see jumbo list
MCB Police Transfer
कोरबा। Korba News : प्रदेश में नई आबकारी नीति लागू होने के बाद कोरबा जिले में मात्र तीन से चार लाइसेंसी बियर और वाइन बार संचालित हो रहे है।समय के साथ अब चुनावी वर्ष में खादी की सह और रसूख के दम पर शाम ढलते ही शहर के नामचीन होटलों में कमरे के अंदर महफ़िल सजने लगती है। देर रात तक जाम छलकाए जाते है। सूत्रों की माने तो जाम के साथ साथ बावनपरी का मजा लिया जा रहा है।
बता दें कि नई शराब नीति लागू होने के बाद जिले में नेशनल हाइवे (MCB Police Transfer) और स्टेट हाइवे में संचालित होटलों के बार लाइसेंस रद्द कर दिए गये। कुछ संचालकों ने लाइसेंस फीस अधिक होने के कारण लाइसेंस सरेंडर कर दिया। पिछले एक दशक दे लगभग सभी होटलों में मयखाना बंद था और लोग इधर उधर पीते थे पुलिस भी सख्ती बरत रही थी। सड़क पर पीने वाले कांप रहे थे।कोरबा का निजाम बदलने के बाद लाइसेंसी बार के अलावा अवैध शराब खाने संचलित होने लगी है।यह संचालन राजनीति और पैसे में रसूख रखने वाले लोगो के द्वारा होटलों में संचालित किया जा रहा है। जिसमे एक पूर्व पार्षद एक केबल ब्यवसाय से जुड़े धन्ना सेठ के द्वारा संचालित होटलों में यह कार्य दबंगई से किया जा रहा है।
वक्त के साथ मौका परिस्ति में माहिर खद्दरधारी नेता धन कमाने के हर वह काम करना शुरू कर दिया है जो नैतिक दृष्टि से उचित नही कहा जा सकता। सूत्र बताते है शहर के सभी बड़े होटलों में शराब पिलाने का काम किया जा रहा है।डीडीएम रोड में संचालित एक होटल में तो खुलेआम शराब और कबाब की पार्टी की जाती है। उस पार्टी में नेता से लेकर अधिकारी तक शामिल रहते है उक्त होटल के संचालक कई खेल संघ से भी जुड़े है। दर्री में भी इसी तरह की स्थित है। आउटर के ढाबों में। भी खुलेआम शराब परोसी जा रही है। वर्दीधारी कार्रवाई जरूर करते है लेकिन छोटी मछली ही जाल फंसती है,  मगरमच्छ  और सफेदपोश पर कार्रवाई नही होती।

पड़ोसी राज्यो से आ रही शराब

जिले में शराब की तस्करी ब्यापक पैमाने पर की जा रही है । पड़ोसी राज्यों मध्यप्रदेश , झारखंड और उत्तरप्रदेश से बड़ी मात्रा में सामानों के बीच मे कार्टूनों में भरकर शराब लाई जा रही है। बताया तो यह भी जा रहा  है कि पानी के खाली कार्टून में शराब की सप्लाई की जाती है। पसान , मोरगा मार्ग से आने वाली भारी वाहन और चार पहिया वाहनों में शराब लाकर ठिकाने में रखा भी जाता है और वहां से मांग के अनुसार आपूर्ति की जाती है। आबकारी विभाग के अधिकारी पूरी तरह से वाकिफ है सिक्को की खनन और राजनीतिक रसूख के कारण कार्रवाई करने में हाथ कांपने लगते है।ऐसा नही की अमले को इसकी जानकारी नही है एक अधिकारी ने नाम नही छापने की शर्त पर बताया कि ऊपर के आदेश के पालन पर करना पड़ रहा है।

मिलावट का धंधा

सुरा प्रेमियों के लिए फरवरी के माह शुरू होने के बाद ही शराब का नशा उतरने लगा। सुरा प्रेमियों से बात की गई तो उनका कहना था कि अब एक पाव के स्थान पर दो पाव पीनी पड़ती है और पानी मिलाने की जरूरत नही रह गई है। देशी शराब का हाल बहुत बुरा है। विदेशी शराब में भी बुरा हाल है ब्रांडेड शराब गायब है और मिल भी जाये तो ब्रांडेड के स्थान पर हल्की वाली शराब बोतल में मिलती है। प्रीमियर क्वालिटी की शराब की खाली बोतल ढाई सौ से तीन सौ रुपये में सेलमेन द्वारा खरीद ली जाती है इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि किस तरह से शराब में मिलावट की जा रही है।इसमें ऊपर से नीचे तक अधिकारियों एवं कर्मचारियों (Korba News) की मिलीभगत होने की संभावना से इंकार नही किया जा सकता ।