समाज और देश को विखंडित करने की प्रयास कर रहीं ममता बनर्जी, पर वह भूल रहीं की संविधान से बड़ा कोई नहीं: डाॅ चैलेश्वर चंद्राकर

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कोरबा। पश्चिम बंगाल में च77 मुस्लिम जातियों का ओबीसी दर्जा समाप्त होने पर भारतीय जनता पार्टी के नेता चैलेश्वर चंद्राकर ने हर्ष व्यक्त किया है। उन्होंने कलकत्ता हाईकोर्ट के फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि संविधान से कोई बड़ा नहीं है। बाबा साहेब आंबेडकर ने कहा है कि दलित आदिवासी पिछड़े समाज को उनका हक नैतिकता के आधार पर मिलना चाहिए। इसमें कोई डाका डाले, यह हम बर्दाश्त नहीं करेंगे। पश्चिम बंगाल की सीएम श्रीमती ममता बैनर्जी संविधान के फैसले का विरोध कर रही हैं। उन्हें तत्काल मुख्यमंत्री पद छोड़ देना चाहिए। यह संविधान विरोधी कृत्य है। समाज और देश को विखंडित करने की प्रयास ममता बनर्जी कर रही हैं। वह देश को टुकड़े-टुकड़े गैंग में शामिल करना चाहती हैं। देश भर में ममता बनर्जी विरोध का सामना करने तैयार रहें। दलित ,आदिवासी पिछड़े समाज का अपमान और तुष्टिकरण की राजनीति बंद करें।

बीजेपी नेता चैलेश्वर चंद्राकर ने बयान जारी कर बताया है कि वोट बैंक की राजनीति करने वाली ममता बनर्जी देश के संविधान पर डाका डालने की काम कर रही हैं। पश्चिम बंगाल सरकार द्वारा कोलकाता में 77 मुस्लिम जातियों को ओबीसी का दर्जा देने का निर्णय एसटी, एससी, ओबीसी वर्ग के खिलाफ है। कलकत्ता हाईकोर्ट ने ममता सरकार की ओर से 2010 के बाद जारी सभी ओबीसी प्रमाण पत्र को रद्द कर दिए हैं। यह फैसला निश्चित ही स्वागत योग्य कदम है। गलत तरीके से बनाए गए पांच लाख ओबीसी प्रमाण पत्र अमान्य होने पर हाईकोर्ट के फैसले को न्याय के हित ने सही कदम है। बीजेपी नेता चैलेश्वर चंद्राकर बताया कि हाईकोर्ट ने कहा है कि इन जातियों को ओबीसी घोषित करने के लिए वास्तव में धर्म ही एकमात्र मानदंड प्रतीत होता है। न्यायपालिका का मानना है कि मुसलमान की 77 श्रेणियां को पिछड़े के रूप में चुना जाना पूरे मुस्लिम समुदाय का अपमान है। कोर्ट का मन इस संदेह से मुक्त नहीं है कि इस समुदाय को राजनीतिक उद्देश्यों के लिए एक वस्तु के रूप में माना गया है। 77 श्रेणियों को ओबीसी में शामिल करने संबंधी श्रृंखला और उनके समावेश से स्पष्ट होता है कि इसे वोट बैंक के रूप में देखा जा रहा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्य नाथ एवं छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने ओबीसी आरक्षण पर स्वागत करते हुए स्पष्ट कहा है कि यह धर्म आधारित वोट बैंक और तुष्टिकरण की राजनीति करने वालों के मुंह पर तमाचा है। इनके वक्तव्य का समर्थन चैलेश्वर चंद्राकर ने किया है। सीएम विष्णु देव साय ने ये भी कहा है कि कांग्रेस और उसके इंडी गठबंधन सहयोगी लगातर संविधान की हत्या की साजिश कर रहें हैं। हम सभी जानते हैं कि धर्म आधारित आरक्षण का भारतीय संविधान में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।