Monarchy restored in Nepal: नेपाल में राजशाही बहाल करने हिंदू नेता ने छेड़ा आंदोलन, सड़कों पर उतरे हजारों लोग

257

काठमांडू। Monarchy restored in Nepal: भारत के पड़ोसी देश नेपाल में राजशाही बहाल करने के लिए राजधानी काठमांडू में जमकर प्रदर्शन हुआ। राजशाही बहाल करने की मांग को लेकर हजारों लोग सड़क पर उतरे। राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व दुर्गा प्रसाई कर रहे हैं। दुर्गा प्रसाई एक उद्यमी और पूर्व माओवादी कार्यकर्ता हैं। वे केपी ओली के नेतृत्व वाली नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी यूनिफाइड मार्क्सवादी लेनिनवादी (सीपीएन-यूएमएल) की केंद्रीय समिति के सदस्य भी रह चुके हैं। अब वे खुद कम्युनिस्ट शासन के खिलाफ मुखर हैं।

 

 

बता दें कि 28 मई, 2008 को नवनिर्वाचित लोकसभा ने 240 वर्ष पुरानी राजशाही को समाप्त करते हुए नेपाल को एक संघीय लोकतांत्रिक गणराज्य घोषित किया था। इस ऐतिसाहिक पल के 15 साल बाद अब फिर से नेपाल में राजशाही की मांग हो रही है। नेपाल के गृह मंत्रालय ने बताया है कि सेना को स्टैंडबाय पर रखा गया था, लेकिन उसे इस्तेमाल करने की आवश्यकता नहीं पड़ी है।

 

 

आत्मसमर्पण करें प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल

 

 

राजशाही समर्थक प्रदर्शनकारियों का नेतृत्व दुर्गा प्रसाई ने कहा कि प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहाल लोगों के सामने आत्मसमर्पण करें और देश को किस तरह की राजनीतिक व्यवस्था अपनानी चाहिए, इस बारे में उनकी इच्छा का पालन करें”। प्रसाई इस आंदोलन को ‘देश बचाओ’ आंदोलन कह रहे हैं। उन्होंने विपक्षी नेता केपी ओली की भी आलोचना की है।

 

0.नारायणहिती पैलेस में हुआ था नेपाली शाही नरसंहार

 

नेपाली शाही नरसंहार 1 जून 2001 को नेपाली राजशाही के तत्कालीन निवास नारायणहिती पैलेस में हुआ था। महल में शाही परिवार की एक सभा के दौरान सामूहिक गोलीबारी में राजा बीरेंद्र और रानी ऐश्वर्या सहित शाही परिवार के नौ सदस्य मारे गए थे।

 

सरकार द्वारा नियुक्त जांच दल ने क्राउन प्रिंस दीपेंद्र को नरसंहार का अपराधी बताया। सिर में गोली मारने के बाद दीपेंद्र कोमा में चले गए। राजा बीरेंद्र की मृत्यु के बाद दीपेंद्र को बेहोशी की हालत में नेपाल का राजा घोषित किया गया था।

 

नरसंहार के तीन दिन बाद होश में आए बिना अस्पताल में उनकी मृत्यु हो गई। बीरेंद्र के भाई ज्ञानेंद्र फिर राजा बने। भारत और चीन के बीच स्थित हिमालय पर्वतीय देश नेपाल के अंतिम राजा ज्ञानेंद्र, काठमांडू में अपने परिवार के साथ एक आम नागरिक के रूप में रहते हैं।